मध्य प्रदेश : संघ कार्यालय पर कांग्रेस ने फहराया तिरंगा, RSS ने किया स्वागत
एजेंसी/ इंदौर: जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के मसले की पृष्ठभूमि में जारी सियासी रस्साकशी के बीच सोमवार को इंदौर में बेहद नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर देशभक्ति के नाम पर महज जुबानी जमा खर्च करने का आरोप लगाते हुए इस संगठन के शहर कार्यालय पर तिरंगा फहराया, जबकि संघ कार्यकर्ताओं ने इस दौरान यादव और अन्य कांग्रेस नेताओं का स्वागत किया।
यादव की अगुवाई में करीब 800 कांग्रेस कार्यकर्ता राजबाड़ा क्षेत्र में जमा हुए और जुलूस की शक्ल में संघ कार्यालय की ओर बढ़ने लगे। हालांकि, कुछ ही दूरी पर पुलिस ने पहले ही बड़ी संख्या में बल की तैनाती करते हुए बैरिकेड लगा रखे थे, जहां इस जुलूस को रोक लिया गया। बाद में प्रशासन ने यादव समेत करीब 20 कांग्रेस नेताओं को संघ के रामबाग स्थित शहर कार्यालय में प्रवेश की अनुमति दी।
बहरहाल, कांग्रेस नेताओं का यह दल जब संघ कार्यालय के भीतर पहुंचा तो आश्चर्यचकित हो गया। संघ की ओर से कांग्रेस नेताओं का न केवल लाल कालीन बिछाकर बल्कि तिलक लगाकर भावभीना स्वागत भी किया गया। भाजपा के धुर विरोधी दल के इन सियासी आगंतुकों के लिए चाय-नाश्ते का इंतजाम भी किया गया था। यादव ने संघ कार्यालय की छत पर पहले से फहरा रहे भगवा ध्वज के ठीक पास तिरंगा फहराया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ संघ के कुछ पदाधिकारी भी मौजूद थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने संघ कार्यालय पर तिरंगा फहराने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘जेएनयू मसले के सामने आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं की ओर से लोगों को देशप्रेम की बड़ी-बड़ी सीख दी जा रही है। लेकिन संघ ने देशप्रेम के नाम पर अब तक जुबानी जमा खर्च ही किया है।’’ यादव ने कहा, ‘‘संघ को देशभक्ति की अवधारणा को वास्तविक अर्थों में अपनाना चाहिए। हमने संघ कार्यालय पर आज तिरंगा फहराया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस कार्यालय में देश का राष्ट्रीय झंडा नियमित तौर पर ठीक उसी तरह फहराया जाता रहेगा, जिस तरह यहां भगवा ध्वज फहराया जाता है।’’
इस घटनाक्रम के बाद संघ की ओर से जारी विज्ञप्ति में संगठन के विभाग कार्यवाह दिलीप जैन ने कहा, ‘‘तिरंगा राजनीति का नहीं, बल्कि भावनात्मक विषय है। देशभर में संघ के स्वयंसेवक सभी राष्ट्रीय पर्वों पर अपने मोहल्लों, बस्तियों, कार्यस्थलों आदि स्थानों पर झंडावंदन कार्यक्रमों में सम्मिलित होते ही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भगवा ध्वज हमारी संस्कृति का प्रतीक है। इसलिए संघ के स्वयंसेवकों ने इसे गुरु का स्थान दिया है। इस सिलसिले में विवाद का कोई विषय नहीं है।’’