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‘मन की बात’ में PM मोदी बोले- विदेश घूमें, लेकिन देश को भूलें नहीं

प्रधानमंत्री ने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के तीन साल पूरे होने पर कहा कि ये मेरे मन की बात नहीं है. ये देशवासियों के ‘मन की बात’ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर से लोग महीने भर सुझाव भेजते रहते हैं. लोगों के सुझावों का परिणाम है कि सरकार का समस्याओं पर ध्यान गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात के तीन साल की यात्रा देशवासियों के भावनाओं की अनुभूति है. मैंने मन की बात को राजनीति से दूर रखने की कोशिश की. समाज के विभिन्न वर्गों के लोग मन की बात के सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों पर बात करेंगे. हमेशा मन की बात में जनता को केंद्र में रखा.

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उन्होंने कहा कि सेल्फी विद डॉटर और खादी अभियान से मन की बात के असर और प्रभाव का पता चलता है. देश के लोगों ने ‘मन की बात’ को ज्यादा असरकारक बनाया है.

पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को इस महीने तीन साल पूरे हो रहे हैं और इस कार्यक्रम का ये 36वां प्रसारण होगा.

पिछले महीने मन की बात में हमने संकल्प लिया था कि गांधी जयंती से पहले 15 दिन स्वच्छता अभियान चलाएंगे और देश को इससे जोड़ेंगे. राष्ट्रपति ने इसका उद्घाटन किया और देश स्वच्छता के लिए जुट गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के वर्ग ने इसे अपना कार्यक्रम माना है. चाहे खिलाड़ी हो, अभिनेता हो, किसान हो या मजदूर हों. सब लोग जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वच्छता रखने के लिए लोग दबाव महसूस कर रहे हैं. स्वच्छता अभियान के पहले ही दिन हजारों लोग जुड़ गए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता को लेकर बच्चों में जागरुकता बढ़ी है. और वो भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. प्रधानमंत्री ने मीडिया के लोगों को धन्यवाद किया और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए मीडिया समूहों को श्रेय जाता है.

श्रीनगर के बिलाल डार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीनगर नगर निगम ने उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है. इससे पता चलता है कि स्वच्छता का एंबेसडर सिर्फ खिलाड़ी और अभिनेता ही नहीं हो सकते. नगर निगम इसके लिए बधाई का पात्र है. बिलाल डार भी बधाई के पात्र है, जो एक महान कार्य कर रहे हैं.

अक्टूबर महीने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये महीना महापुरुषों का है. देश के लिए उन्होंने कष्ट झेले हैं. महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, नानाजी देशमुख, सरदार वल्लभ भाई पटेल, दीनदयाल उपाध्याय को याद करने का महीना है. नानाजी देशमुख ने ग्रामोदोय के लिए काम किया और इसके लिए आदर पैदा होता है. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम इसका खूब जिक्र करते थे. दीन दयाल उपाध्याय ने गरीबों के लिए काम किया. इन महापुरुषों का स्मरण करना, भविष्य के लिए नई दिशा दिखाता है.

उन्होंने कहा कि हमारे देश की विविधताएं पाठशाला का काम करती हैं. हम विदेश तो जाते हैं, लेकिन अपने ही देश से अंजान हैं. हमें अपने देश को भी देखना चाहिए और भारत भ्रमण करना चाहिए. इससे देश को समझने में मदद मिलती है. सभी महापुरुषों ने भारत को जीने की कोशिश की. विदेशों में घूमें लेकिन अपने देश को भी देखें.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने भारत के 500 से ज्यादा जिलों को दौरा किया है. विविधता में एकता सिर्फ नारा नहीं, हमारी शक्ति का प्रतीक है. मैं आग्रह करूंगा कि इन छुट्टियों में भारत को आत्मसात करने के लिए निकलिए. इन अनुभवों से आपका जीवन समृद्ध होगा.

उन्होंने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लोगों से अपने राज्यों के सात प्रमुख टूरिस्ट स्थलों के बारे में नरेंद्र मोदी ऐप और तमाम अन्य साइटों पर लिखने की अपील की. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इन स्थानों के बारे में जानकारी मिल पाए. ऐसे स्थानों के बारे में लिखें, जहां लोगों को जरूर जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने हाल ही में भारतीय सेना ज्वॉइन करने वाली लेफ्टिनेंट स्वाति और लेफ्टिनेंट निधि को बधाई दी और कहा कि आपने महिला शक्ति और देशभक्ति की प्रेरक मिसाल कायम की है. इसके साथ ही फीफा अंडर -17 वर्ल्ड कप के आयोजन के बारे में बात करते हुए कहा कि पूरा विश्व हमारे यहां खेलने आ रहा है. आइए हम भी इस खेल में जुट जाएं.

मन की बात के आखिर में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और कहा कि उत्सव भी मनाएं और उत्साह भी बढ़ाएं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले महीने मन की बात कार्यक्रम में सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करेंगे. 31 अक्टूबर को रन फॉर यूनिटी के लिए लौहपुरुष की तरह बनने के लिए बहुत जरूरी है.

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