मन की बात: मोदी की किसानों से खास अपील
एजेन्सी/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के कृषक समुदाय को किसान सुविधा एप से जुडऩे का आह्वान करते हुए जल संचयन के लिए जनआंदोलन छेडऩे की अपील की है तथा देशवासियों को मधुमेह की बीमारी से लडऩे के लिए योग अपनाने पर जोर दिया है। मोदी ने ऑल इंडिया रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से यह अपील की है। यह उनका 18वां मन की बात कार्यक्रम था।
उन्होंने अपने भाषण में किसान भाईयों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको खुशी होगी कि एक किसान सुविधा एप आप सब की सेवा में प्रस्तुत किया गया है। इस एप को आप अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करते हैं तो आपको कृषि संबंधी और मौसम संबंधी बहुत सारी जानकारियाँ अपनी हथेली में ही मिल जाएगी। बा•ाार का हाल क्या है, मंडियों में क्या स्थिति है, इन दिनों अच्छी फसल का क्या दौर चल रहा है, दवाइयां कौन-सी उपयुक्त होती हैं?
कई विषय उस पर हैं। इतना ही नहीं इसमें एक बटन ऐसा है कि जो सीधा-सीधा आपको कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ जोड़ देता है। अगर आप अपना कोई सवाल उसके सामने रखते हैं तो वो जवाब देता है और आपको समझाता है। मैं आशा करता हूं कि मेरे किसान भाई-बहन इस एप को डाउनलोड करेंगे। अगर आपको इस एप में कोई कमी नजर आती है तो आप मुझे शिकायत भी कर दीजिए।
मोदी ने कहा कि गर्मी का मौसम तो लोगों के लिए छुट्टियों का समय होता है लेकिन किसान के लिए तो और भी पसीना बहाने का अवसर बन जाता है। वह वर्षा का इंतजार करता है और इंतजार के पहले किसान अपने खेत को तैयार करने के लिए जी-जान से जुट जाता है, ताकि बारिश की एक बूंद भी बर्बाद न हो। किसान के लिए किसानी का मौसम बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है लेकिन हम देशवासियो को भी सोचना होगा कि पानी के बिना क्या होगा?
क्या हम अपने तालाब, अपने यहां पानी बहने के रास्ते, तालाबों में पानी आने के जो मार्ग होते हैं जहाँ पर कूड़ा-कचरा या कुछ न कुछ अवैध कब्जा हो जाता तो पानी आना बंद हो जाता है और उसके कारण जल-संग्रह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है, उन पुरानी जगहों को फिर से एक बार खुदाई करके और सफाई करके अधिक जल-संचय के लिए तैयार कर सकते हैं? पहली बारिश में भी अगर पानी बचा लिया, तालाब भर गए, हमारे नदी नाले भर गए तो कभी पीछे बारिश रूठ भी जाये तो हमारा नुकसान कम होता है। उन्होंने कहा कि इस बार हमने 5 लाख तालाब बनाने का बीड़ा उठाया है।
मनरेगा से भी जल-संचय के लिए संपत्ति निर्माण करने पर बल दिया है और हमें इस बात पर सोचना होगा कि आने वाली बारिश में बूंद-बूंद पानी कैसे बचाएंं और गांव का पानी गांव में रहे, ये अभियान कैसे चलायें। उन्होंने लोगों से यह अपील की कि वे पानी बचाने के लिए सरकारी योजनाओं से जुड़कर देश में एक ऐसा जनआंदोलन खड़ा करें जिससे लोग पानी का माहत्म्य भी समझें और पानी संचय के लिए हर कोई जुड़े। उन्होंने यह भी कहा कि देश में कई ऐसे गांव होंगे और कई ऐसे प्रगतिशील किसान होंगे तथा जागरुक नागरिक होंगे जिन्होंने इस काम को किया होगा। लेकिन फिर भी अभी इस दिशा में और ज्यादा करने की आवश्यकता है।