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शीना हत्याकांड : हत्या के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं

sheena mistryरायगढ़ (महाराष्ट्र)। हाई प्रोफाइल शीना हत्याकांड में भले ही रोज नए-नए सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं, लेकिन हत्या के वास्तविक कारणों का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। जांचकर्ता शनिवार को भी विभिन्न कोणों से मामले की जांच में लगे रहे। पुलिस के मुताबिक शीना के भाई मिखाइल का जान के खतरे का अंदेशा सही है और 24 अप्रैल, 2०12 के आसपास वह मुंबई में था, जब उसकी बहन की हत्या की गई।
स्टार इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी की 25 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद से ही मिखाइल अपनी जान को खतरे का दावा कर रहा था और उसने आरोप लगाया था कि उसकी मां ने शीना की ही तरह उसे भी ठिकाने लगाने की साजिश की थी। मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया के मुताबिक, शीना के भाई मिखाइल बोरा ने पुलिस को कुछ सबूत सौंपे हैं, जिसकी पुष्टि की जा रही है।
शीना का पासपोर्ट उसके पूर्व प्रेमी राहुल मुखर्जी के देहरादून स्थित घर से बरामद हुआ। राहुल स्टार इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी के बेटे हैं। वहीं, इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पुलिस ने शनिवार को स्वीकार किया है कि पेन के निकट जंगल में साल 2०12 में शरीर के अवशेष पाए जाने पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। आशंका जताई गई है कि ये अवशेष शीना बोरा के थे।
रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सुवेज हक ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस मामले तथा अन्य पहलुओं की तहकीकात कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 23 मई, 2०12 को एक स्थानीय आम विक्रेता ने आंशिक रूप से जले हुए मानव शव को देखा और इसकी सूचना पेन पुलिस चौकी को दी।
पुलिस अधिकारियों के एक दल तथा एक चिकित्सक ने घटनास्थल का दौरा किया और मौके पर शव का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने शव से कुछ नमूनों को भी इकट्ठा किया। हक ने कहा, ‘‘इसके दो दिन बाद उन अवशेषों को आगे की जांच के लिए मुंबई स्थित सर जे.जे.अस्पताल भेज दिया गया। बाद में पुलिस को न तो कोई रिपोर्ट मिली और न ही उसने रिपोर्ट की मांग की।’’ पुलिस ने शव का पंचनामा किया और घटनास्थल की जांच की। उसने गवाहों का बयान भी लिया और डायरी में इसे दर्ज किया। लेकिन इसके बाद कोई और कार्रवाई नहीं की गई।
हक ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (कोंकण क्षेत्र) ने इन पहलुओं पर एक रिपोर्ट की मांग की थी, जिसे उन्हें भेज दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं इस बात की तहकीकात कर रहा हूं कि पुलिस (तत्कालीन) ने क्यों कोई अपराध या एडीआर (दुर्घटना में मृत्यु की रिपोर्ट) दर्ज नहीं की, जिसे पूरा करना चाहिए था और तुरंत उसे अपने वरिष्ठ अधिकारी को सौंपना चाहिए था।’’

हक ने कहा कि मुंबई पुलिस ने मामले में आधिकारिक तौर पर रायगढ़ पुलिस से मदद की मांग की है और वे पूरा सहयोग कर रहे हैं। हक ने कहा, ‘‘उन्होंने मामले से संबंधित असली दस्तावेजों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया है।’’ सर जे.जे.अस्पताल के अधिकारियों ने हड्डियों, नाखूनों तथा सबूतों को मुंबई पुलिस को शुक्रवार को सौंप दिया, जिसे डीएनए जांच व फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है, ताकि मृतक की पहचान का पता लगाया जा सके। अस्पताल के मुताबिक नमूने इस कदर जले हुए थे कि उनकी पहचान नहीं हो सकी, जिसे लेकर अलग से एक रिपोर्ट दी गई है।

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