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महाराष्ट्र के स्कूलों में अब टीचर्स सेल्‍फी से लेंगे अटेंडेंस

selfie_04_11_2016मुंबई। आजकल के स्‍टूडेंट्स में सेल्‍फी का काफी क्रेज नजर आता है और इसी प्रचलन का उपयोग करते हुए महाराष्‍ट्र सरकार एक नया कदम उठाने जा रही है। इसके तहत अब राज्‍य के स्‍कूलों में टीचर्स सेल्‍फी लेकर स्‍टूडेंट्स की अटेंडेंस दर्ज करवाएंगे।

दरअसल यह पूरी कवायद राज्‍य के स्‍कूलों में तेजी से बढ़ते ड्रॉपआउट को रोकने के लिए की जा रही है। राज्‍य के शिक्षा विभाग ने स्‍कूलों से ड्रॉपआउट रोकने के लिए एक नया तरीका निकाला है और इसके चलते स्‍कूल के टीचर्स को अपनी क्‍लास की सेल्‍फी लेकर भेजना होगी ताकि पता लग सके कि क्‍लास में कितने बच्‍चे उपस्थित हैं। टीचर्स को यह सेल्‍फी 10 बच्‍चों के ग्रुप के साथ अपलोड करनी होगी।

राज्‍य के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सरकारी रिजॉल्‍यूशन के अनुसार आधार टीचर्स को आधार नंबर और स्‍टूडेंट्स के नाम के साथ सेल्‍फी सरल सिस्‍टम पर अपलोड करनी होगी, यह सिस्‍टम राज्‍य सरकार के एजुकेशन डेटाबेस को मैनेज करता है।

सरकारी रिजॉल्‍यूशन के अनुसार यह नया कदम अगले साल जनवरी से लागू हो सकता है जिसमें हर सेल्‍फी में 10 छात्र होंगे। इसका उद्देश्‍य उन छात्रों का रिकॉर्ड तैयार करना है जो लगातार स्‍कूल में अनुपस्थित रहते हैं। इसके अलावा टीचर्स को शिक्षा विभाग में अपने उच्‍च अधिकारियों को सूचना करनी होगी कि कौन से छात्र लगातार अनुपस्थित हैं।

इन अधिकारियों के पास इन अनुपस्थित छात्रों को डाटा पहले से ही मौजूद होगा जिसके बाद वो उन्‍हें लेकर कोई पॉलिसी निर्णय ले सकेंगे। शिक्षा रिकॉर्ड के सालाना स्‍टेटस के अनुसार 2014 में ड्रॉपआउट रेट देशभर के 15 प्रतिशत के मुकाबले महाराष्‍ट्र में 9 प्रतिशत के लगभग थी।

राज्‍य शिक्षा विभाग ने दो और कैटेगरी ढूंढी है जिनके चलते छात्र ड्रॉपआउट करते हैं इनमें से एक है जब परिवार शहर छोड़ता है और दूसरे में परिवार राज्‍य से बाहर जाता है। इसके बाद जो परिवार राज्‍य में ही रहते हुए केवल शहर बदल रहे हैं उनके कहा गया है कि वो अपने बच्‍चों के लिए स्‍थानीय स्‍तर पर अन्‍य ऑप्‍शन ढूंढें ताकि उनकी पढ़ाई ना प्रभावित हो।

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