फीचर्डराष्ट्रीय

महिला राखी लेकर जाएंगी और कहेंगी- भैया शौचालय बनवा लो

ग्वालियर। एक तरफ ग्रामीण पंचायत व अन्य विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट पर उतारू हैं। वहीं खुले में शौच से मुक्त कराने के अभियान को सफल बनाने के लिए जिला पंचायत रक्षाबंधन त्योहार के दिन यानी 18 अगस्त से अपनी महिला कर्मचारियों को राखी लेकर ग्रामीणों के पास भेजने का प्लान तैयार कर रहा है।rakhi_09_08_2016

इसके तहत सभी आशा कार्यकर्ता, महिला शिक्षक, पंचायत विभाग की महिला कर्मचारी राखी लेकर गांवों में उन लोगों के घरों पर पहुंचेंगी, जिन घरों में शौचालय नहीं बने हैं। वे घर के सदस्यों को राखी सौंपकर कहेंगी भैया शौचालय बनवा लो। साथ ही उनसे शौचालय का इस्तेमाल करने का वचन लेंगी।

जिला पंचायत के अफसरों को उम्मीद है कि जो ग्रामीण खुले में शौच से रोकने पर उनके साथ मारपीट करने की कोशिश करते हैं, वे महिला कर्मचारियों द्वारा राखी देने पर बात को समझने की कोशिश करेंगे।

खुले में शौच से रोकने पर मारपीट हुई तो तत्काल पहुंचेगी पुलिस

लोगों को खुले में शौच से रोकना पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। हर दिन उनके साथ मारपीट, पथराव और बंदूक तानने जैसी घटनाए हो रही हैं। इन घटनाओं से सबक लेते हुए जिला पंचायत सीईओ नीरज कुमार सिंह ने अब पुलिस से सुरक्षा मांगी है। इसके लिए सीईओ ने एडिशनल एसपी ग्रामीण योगेश्वर शर्मा और डबरा व भितरवार एसडीएम से चर्चा की है। एक दिन पहले ही डबरा के चिरूली गांव में खुले में शौच से रोकने पर एक ग्रामीण ने मनरेगा के एसडीओ चंद्रभान सिंह तोमर से मारपीट कर दी।

उससे पहले बड़का गांव में पंचायत की टीम पर पथराव हुआ, जिसके बाद उन्होंने थाने में शरण लेकर जान बचाई। इससे पहले अमरोल, ऐराया, चीनोर और कई अन्य गांवों में पंचायत कर्मचारियों के साथ मारपीट व अभद्रता करने के मामले सामने आए। खास बात यह है कि इस कार्य के लिए सुबह-सुबह माइक व सीटी बजाते हुए पंचायत कर्मचारियों के साथ-साथ शासकीय स्कूलों के शिक्षक और स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता भी जा रही हैं।

इन्हें खुले में शौच के लिए जाते लोगों को रोकने के साथ-साथ अपने मूल विभाग का भी काम करना है। ऐसे में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं के कारण कर्मचारियों का आत्म विश्वास कम हो रहा है। ऐसे में संभावना बनती है कि मारपीट और ग्रामीणों की अभद्रता से बचने के लिए कर्मचारी सिर्फ दिखावे के लिए ही गांव जाएं और अभियान में सक्रिय भूमिका नहीं निभाएं। इससे जिले को खुले में शौच से मुक्त करने का अभियान प्रभावित हो सकता है।

जिला पंचायत सीईओ बोले, कर्मचारी नहीं घबराएं

उधर जिला पंचायत सीईओ नीरज कुमार सिंह ने अपने कर्मचारियों को संदेश भिजवाया है कि वे इस तरह की घटनाओं से घबराएं नहीं। उन्हें पर्याप्त पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। अगर कहीं पर भी मारपीट या अभद्रता की संभावना दिखे तो ऑनकॉल पुलिस पहुंचेगी। मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

जिला पंचायत सीईओ नीरज कुमार सिंह ने नईदुनिया को बताया कि इस संबंध में उन्होंने एडिशनल एसपी योगेश्वर शर्मा और डबरा एसडीएम अमनवीर सिंह बैस व भितरवार एसडीएम इकबाल मोहम्मद से चर्चा की है। तय हुआ है कि किसी भी गांव में पंचायत व अन्य विभाग के कर्मचारियों के साथ कोई घटना होती है तो पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर हालात संभालेंगे।

Related Articles

Back to top button