जीवनशैली

माँ बनने के बाद इतने महीने तक भूलकर भी ना बनाये शारीरिक संबंध

नारी के जीवन में अनेक पड़ाव ऐसे आते हैं, जिनकी अनूभूतियां उसके जीवन में सुखद स्मृतियों का अनमोल खजाना होती हैं। ऐसा ही एक पड़ाव होता है । उसका विवाह। जब वह दुल्हन बनती है। दुल्हन के रूप में सजी-संवरी सामान्य-सी नारी भी अद्भुत रूपसी नजर आती है। विवाह के बाद नारी जीवन के सबसे अद्भुत क्षण वे होते हैं, जब वह एक नन्हें -मुन्ने जीव के अपने गर्भ में आगमन का एहसास करती है।

माँ बनने के बाद इतने महीने तक भूलकर भी ना बनाये शारीरिक संबंध

नन्हें शिशु की हरकत वह अपने गर्भ में महसूस करती है और माँ बनने के सुखद एहसास से पुलकित हो उठती है, लेकिन प्रत्येक नारी को जीवन के इस मोड़ पर बेहद सावधानी से अपने और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए।हर मां के लिए बच्‍चे का जन्‍म सुखद अनुभवों में से एक होता है। लेकिन बच्‍चे के जन्‍म की प्रक्रिया इतनी जटिल होती है कि मां को अपार कष्‍टों का सामना करना पड़ता है।

बच्‍चे के गर्भ में आने से लेकर उसके जन्‍म लेने तक की नौ माह की अवधि में मां के शरीर में कई भावनात्‍मक, शारीरिक और मानसिक परिवर्तन आते हैं। बच्‍चों के जन्‍म लेने की प्रक्रिया दो प्रकार की होती है- प्राकृतिक प्रसव या सीजेरियन प्रसव। समान्यतः डिलीवरी के बाद आपके सेक्स करने का सही समय इस बात पर निर्भर करता है कि आपका बच्चा नार्मल हुआ है या सिजेरियन।

यदि बच्चा नार्मल हुआ हो तो
यदि बच्चा नार्मल हुआ हो तो, प्रसव के बाद कब सेक्स करना उचित है इसके लिए एक बार डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होगा। क्योंकि, इस दौरान संक्रमण होने का खतरा बहुत अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्लेसेंटा के बाहर निकलने से गर्भाशय पूरी तरह से जख्मी हो जाता है, और इसके घाव को भरने में थोड़ा समय लगता है और ऐसी स्थिथि में वह बहुत कमजोर होती है और संबंध बनाने के दर्द को सह नहीं सकती. अगर इसके बावजूद भी वह संबंध बना लेती है तो इससे संक्रमण होने का डर बना रहता है.ऐसे में, बिना डॉक्टर की सलाह के सेक्स करना उचित नहीं होगा।

यदि बच्चा सीजेरियन हुआ हो तो

नोर्मल डिलीवरी के बाद बारी आती है सिजेरियन डिलीवरी की इन दिनों की तंग जीवनशैली के कारण महिलाओं को अक्‍सर सीजेरियन कर दिया जाता है क्‍योंकि उनका शरीर सामान्‍य प्रसव के लिए सहयोग नहीं कर पाता है।इस डिलीवरी में बच्चा निकालने के लिए डॉक्टर को पेट काटना पड़ता है. जिसके बाद पेट में टाँके लगा दीये जाते हैं. ऐसे में औरत का रेस्ट करना काफी जरूरी रहता है क्यूंकि, अगर टाँके नहीं भरे तो उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इसीलिए यदि बच्चा सीजेरियन हुआ है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए।
लेकिन इसके वाबजूद एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ली जानी चाहिए। ताकि डॉक्टर इस बात की जाँच कर सकें कि आप के टांके ठीक से भरे हैं कि नहीं और आप की ऑपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी है कि नहीं। क्योंकि, प्रसव में ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है।

इन सब जाँच के बाद अगर डाक्टर आपको सेक्स की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि टांके पर किसी तरह का कोई दवाब न पड़े। क्योंकि, इस समय तक टाकें पूरी तरह से ठीक नहीं होते हैं।

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