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मालदीव चुनाव में 88 फीसदी मतदान

maldivpमाले (एजेंसी)। मालदीव में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। करीब 88 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उम्मीदवारों ने हालांकि मतदान के तौर तरीके को लेकर नाखुशी जाहिर की है। चुनाव आयोग के मुताबिक देश में 23,9,1०5 लोग मतदान के लिए योग्य थे और इनके लिए देश-विदेश में 475 मतदान पेटियां केंद्रों पर स्थापित की गई थीं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार  यदि कोई भी उम्मीदवार 5० प्रतिशत वोट पाने में विफल हुआ तो रविवार को प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों के बीच चुनाव होगा। विजेता को सोमवार को शपथ दिलाया जाएगा। मालदीव के निर्वाचन अधिकारी 11 नवंबर की संवैधानिक समय सीमा के भीतर इन दोनों चक्रों की मतदान प्रक्रिया पूरा कराने के लिए कठिन प्रयास कर रहे हैं। यदि 11 नवंबर तक नया राष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हुआ तो संसद अध्यक्ष को राष्ट्रपति के सभी अधिकार हासिल हो जाएंगे। मालदीव के निर्वाचन अधिकारियों ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। अधिकारियों ने संदेहास्पद मतदाता सूची को लेकर आरोपों को खारिज कर दिया। निर्वाचन आयोग के महासचिव असीम अब्दुल सत्तार ने कहा कि पूरे मालदीव में और विदेशों में किसी भी मतदान केंद्र पर इस तरह की सूची इस्तेमाल नहीं की जा रही है। हवीरू ऑनलाइन की रपट के अनुसार  सत्तार ने कहा  ‘‘सभी पृष्ठों पर हस्ताक्षर न होना भी कोई समस्या नहीं है। कुछ ऐसी मतदाता सूचियां हैं जिनके सिर्फ अंतिम पृष्ठ पर हस्ताक्षर हुए थे।’’ निर्वाचन आयोग की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है  जब प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के राष्ट्रपति उम्मीदवार अब्दुल्ला यामीन ने कहा कि जिस तरह मतदान हो रहा है  वह उससे नाखुश हैं। रपट के अनुसार  पीपीएम ने पूरे मालदीव मे और विदेशों में इस्तेमाल की जा रही 475 मतपेटियों के हरेक मतदाता सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर हस्ताक्षर किए थे। रपट के अनुसार  विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने प्रत्येक मतदाता सूची के अंतिम पृष्ठ पर हस्ताक्षर किए थे  जबकि जम्हूरी पार्टी ने मात्र कुछ मतदाता सूचियों पर ही हस्ताक्षर किए थे। पीपीएम के राष्ट्रपति उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम के सौतेले भाई अब्दुल्ला यामीन ने कहा कि उन्हें बिल्कुल भरोसा नहीं है कि चुनाव निष्पक्ष हुआ है। अब्दुल गयूम ने कहा कि चुनाव में धांधली हुई है। उन्होंने कहा  ‘‘जी हां  बिल्कुल। मतदान केंद्रों पर ऐसी मतदाता सूचियां हैं  जिनपर उम्मीदवारों ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। यह पूरी तरह गलत है और यह शिकायत निर्वाचन आयोग में दायर की जा रही है।’’ उल्लेखनीय है कि मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि चुनाव से पहले मतदाता सूचियों पर उम्मीदवारों की मंजूरी आवश्यक है। इसके पहले 19 अक्टूबर को चुनाव आयोजित करने की कोशिश तब नाकाम हो गई थी  जब पीपीएम और राष्ट्रपति उम्मीदवार गासिम इब्राहिम की पार्टी ने मतदाता सूचियों पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने चुनाव को रोक दिया था। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद पीपीएम ने कुछ मतदाता सूचियों को गुरुवार को मंजूरी दे दी। इसके बावजूद पीपीएम ने कुछ सूचियों को गलत बताया  जिसके बाद से ही इस बात की संभावना बन गई थी कि मतदान को लेकर सवाल खड़े किए जाएंगे। पहली बार सात सितंबर को राष्ट्रपति पद का चुनाव हुआ था। लेकिन बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप बाद सर्वोच्च न्यायालय ने उसे रद्द कर दिया था। यामीन को भरोसा है कि प्रथम चक्र में या तो उन्हें 5० प्रतिशत से अधिक मत मिलेगा या वह शीर्ष दो मतदाताओं में होंगे  जो रविवार को दूसरे चक्र के मतदान में हिस्सा लेने के पात्र होंगे। निर्वाचन आयोग के सदस्य अली मुहम्मद मानिक ने संवाददाताओं को बताया कि दूसरे चक्र के मतदान के लिए मतपत्रों को छपने के लिए भेज दिया गया है। इन मतपत्रों में भी तीनों उम्मीदवारों के नाम होंगे। भले ही अंतिम मुकाबला शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच होगा।

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