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मावे पर प्रतिबंध के चौतरफा विरोध के बाद सरकार बैकफुट पर, हटाई रोक

जयपुर

मावे पर प्रतिबंध लगाने के तुगलकी फरमान के कुछ ही घंटों बाद हुए चौतरफा विरोध के बाद राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है।  सरकार ने मावे पर लगाया गया प्रतिबन्ध वापस ले लिया है। 
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ और मावा व्यापारियों के बीच हुई महवपूर्ण बैठक के बाद मावे पर लगाईं गई रोक को हटाने का फैसला लिया गया।  
जानकारी के मुताबिक़ चिकित्सा मंत्री ने व्यापारियों के साथ बैठक में दो टूक कहा कि यदि व्यापारी मावे में किसी तरह की मिलावट नहीं करने की शर्त रखेंगे तो सरकार हरसंभव तरीके से उनका स्टैंड लेगी।  
बैठक के बाद राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मावे पर रोक हटाये जाने के साथ ही त्योहारी सीज़न में मिलावटी मावे के खिलाफ सघन अभियान चलाये जाने का भी फैसला लिया गया है।   
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वहीं, मावे में मिलावट की जांच के लिए सरकार जल्द ही टैस्टिंग लैब खोलेगी। मिलावटी मावे की जांच के लिए ज़रुरत पड़ने पर प्राइवेट लैब्स की भी मदद ली जाएंगी। जांच के लिए लिए जाने वाले मावे के सैम्पल की जांच रिपोर्ट की मियाद 15 दिन तय की गई है।  
राठौड़ ने कहा कि मिलावटी मावे के खिलाफ अभियान को लेकर सरकार हाईकोर्ट में भी अपना पक्ष रखेगी।  अदालत को सरकार के अभियान और योजना के बारे में अवगत कराया जाएगा।
राठौड़ ने यह भी कहा कि आनन-फानन में मावे की बिक्री पर रोक क्यों लगाईं गई इसकी भी जांच की जायेगी।  इस सम्बन्ध में प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्वास्थय को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।  
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गौरतलब है कि राजस्थान के आयुक्त ( खाद्य सुरक्षा) व निदेशक जनस्वास्थ्य ने त्यौहारी मौसम में मिलावटी मावे पर रोकथाम के लिए बुधवार से ही राज्य में अग्रिम आदेश तक मावे व मावे से मिठाई बनाने व बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। डॉ. बी.आर.मीणा ने बुधवार को न्यायाधीश महेशचंद्र शर्मा की कोर्ट को इस संबंध में जारी आदेश पेश किए थे।
विभाग ने कोर्ट को दी दलील में कहा था कि बुधवार को ही लक्ष्मी मिष्ठान भंडार,बाम्बे मिष्ठान भंडार,कान्हा व दूध मिष्ठान भंडार का निरीक्षण भी करवाया गया। कोर्ट ने 28 सितंबर को मिलावटी खाद्य पदार्थ के एक मामले में सुनवाई के दौरान उन्हें हाजिर होकर बताने को कहा था कि आगामी त्यौहारी मौसम को देखते हुए मिलावटी खाद्य पदार्थों की रोकथाम के लिए विभाग क्या कर रहा है?
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कोर्ट ने पूछा कि मिलावट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। घी, मावा व मावे की मिठाईयों में मिलावट हो रही है। दीपावली सहित अन्य त्यौहार नजदीक आ रहे हैं तो एेसे में स्वास्थ्य विभाग क्या उपाय कर सकता है।
फूड से टी ऑफिसर शशिकांत शर्मा ने बताया कि इसके लिए आयुक्त ( खाद्य सुरक्षा) व निदेशक जनस्वास्थ्य चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं ही पूर्ण रुप से अधिकृत हैं। कोर्ट ने आयुक्त डॉ.मीणा से पूछा कि वह मिलावट रोकने को क्या कर सकते हैं? 
डॉ.मीणा ने कोर्ट का ध्यान फूड एंड से टी स्टेंडर्ड एक्ट 2006 की धारा-30 की ओर दिलाया व कहा कि इस धारा के तहत वह निरीक्षण करने,सैंपल लेने व मिलावट की आशंका से किसी खाद्य पदार्थी के निर्माण व बिक्री पर रोक लगा सकते हैं।
बुधवार को ही शहर के चार प्रसिद्ध मिठाई निर्माताओं की दुकानों का निरीक्षण करवाया है व बुधवार सात अक्टूबर से ही आगामी आदेश तक मावे के निर्माण व बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। उन्होंने इस संबंध में जारी अधिसूचना भी कोर्ट में पेश की जिसे कोर्ट ने रिकार्ड पर लेकर भी विषय में कोर्ट में उपस्थिति से छूट दे दी है व 17 नवंबर को आगामी सुनवाई तय की है।

 

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