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मुंबई में बेस्ट बसों की हड़ताल, लाखों लोग हुए बेहाल

मुंबई शहर के नागरिक परिवहन उपक्रम ‘बृहनमुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट’ (बेस्ट) की अनिश्चितकालीन हड़ताल का बुधवार को दूसरा दिन है।

नई दिल्ली: मुंबई की लाइफ लाइन में अहम भागीदारी रखने वाली मुंबई की बस सेवा बेस्ट की दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन भी सड़कों पर बसें नदारद रहीं और परिवहन सेवाओं के अभाव में लाखों मुंबईवासी परेशान हो गए। बेस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि शिवसेना समर्थित यूनियन हड़ताल से अलग हो गई है। इसके बावजूद बेस्ट की केवल पांच बसें ही आज सुबह से सड़कों पर चल रही हैं। ‘बेस्ट’ के 32,000 से अधिक कर्मचारी, वेतनमान बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये थे।राज्य सरकार ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल महाराष्ट्र आवश्यक सेवाएं प्रबंधन अधिनियम (एमईएसएमए) लगाया। साथ ही ‘बेस्ट’ के प्रबंधन ने उन्हें अपना आंदोलन खत्म करने और बातचीत के लिए आने को कहा।

बेस्ट की कामगार सेना ने मंगलवार देर शाम को कहा कि मुंबई वासियों की परेशानियां कम करने के लिए बुधवार को उनके 11,000 सदस्य काम पर आएंगे। उसने यह भी कहा था कि बुधवार को करीब 500 बसों के चलने की संभावना है। गौरतलब है कि मुंबई में बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) के 33,000 से अधिक कर्मी अपनी कई मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे जिससे शहर में बस सेवा ठप पड़ गई और रोजाना यात्रा करने वाले कम से कम 25 लाख लोग प्रभावित हुए। बेस्ट प्रशासन और एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित किया था। इसके बावजूद कर्मचारी संघ के नेताओं के आह्वान पर कर्मियों ने 27 डिपो में से एक भी बस नहीं निकाली।बेस्ट के पास लाल रंग की 3,200 से अधिक बसें हैं जो शहर के अलावा निकटवर्ती ठाणे जिले और नवी मुंबई में सेवाएं देती हैं। यह लोकल ट्रेन के बाद मुंबई में यातायात का सबसे बड़ा साधन है। इन बसों से लगभग 80 लाख यात्री रोजाना यात्रा करते हैं। कर्मी उच्च वेतन, घाटे में चल रही बेस्ट का बजट बृहन्मुंबई महानगर पालिका में जोड़े जाने और नए भत्ते समझौते पर विचार-विमर्श सहित अनेक मांगें कर रहे हैं।

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