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एथिक्स कमेटी ने की विजय माल्या की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश

mallya_146234804672_650x425_050416011802राज्यसभा के सभापति की ओर से विजय माल्या का इस्तीफा नामंजूर किए जाने के एक दिन बाद सदन की एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में तत्काल उनकी सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इससे आम जनता के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा.

कमेटी ने पिछली बैठक में माल्या से लिखित जवाब मांगा था और फैसले के लिए तीन मई की तारीख तय की थी. इसके एक दिन पहले ही माल्या ने फैक्स के जरिए सदन के सभापति को अपना इस्तीफा भेज दिया था. सूत्रों के मुताबिक, समिति चाहती है कि माल्या का इस्तीफा खारिज कर दिया जाए और औपचारिक प्रक्रिया से उन्हें बर्खास्त किया जाए. इस बारे में आखिरी फैसला सभापति को करना है.

 

‘पहले तथ्यों की जांच करें’
इस्तीफा भेजने के बाद माल्या ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘पूरी विनम्रता से न कि अवज्ञा से जसा कि वे लिख रहे हैं, मैं भारतीय मीडिया से आग्रह करता हूं कि मुझे डिफॉल्टर घोषित करने से पहले तथ्यों की जांच करें और उनका सत्यापन करें.’ मंगलवार को एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘7686 विलफुल डिफॉल्टर पर सरकारी बैंकों का 66190 करोड़ रुपये बकाया है. माल्या पर आरोप लगाना आसान है.’

जून में समाप्त हो रहा है माल्या का कार्यकाल
बता दें कि माल्या पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया होने का आरोप है. वह कर्नाटक से राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य हैं. उनका कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है. सदन में यह उनका दूसरा कार्यकाल है. संसदीय सूत्रों के मुताबिक, सदन में सदस्य के रूप में अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान माल्या कहते रहे है कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है और उनकी कोई देनदारी नहीं है.

सरकार ने रद्द किया था राजनयिक पासपोर्ट
जांच के लिए उपस्थित नहीं होने पर केंद्र सरकार ने माल्या का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है. इससे माल्या को ब्रिटेन से लाने की प्रक्रिया में तेजी आ गई है. माना जा रहा है कि वह अभी ब्रिटेन में हैं. माल्या के देश से भागने के बाद उनसे संबंधित मामले को राज्यसभा की आचार समिति के हवाले किया गया था.

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