दिल्लीराज्य

मुंबई ही नहीं, राजधानी की इमारतें भी हैं खतरनाक…

मुंबई में इमारत गिरने से दर्जन भर से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली में सैंकड़ों की तादाद में खड़ी खतरनाक इमारतों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. एमसीडी ने पूरी दिल्ली में सिर्फ 15 खतरनाक इमारतें चिन्हित की हैं. इसे किसी मजाक के तौर पर देखा जा रहा क्योंकि अकेले पुरानी दिल्ली में ही खतरनाक इमारतों की संख्या सैंकड़ों में है.

सबसे पहले आपको बताते हैं कि खतरनाक इमारतों पर एमसीडी के आंकड़े क्या कहते हैं. एमसीडी के मुताबिक दिल्ली में कुल 15 खतरनाक इमारतें हैं जो कभी भी गिर सकती हैं. इनमें सबसे ज्यादा 10 पुरानी और जर्जर इमारतें उत्तरी दिल्ली में हैं. इसके अलावा पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत 4 खतरनाक इमारतें हैं. तो वहीं साउथ एमसीडी के तहत आने वाले इलाकों में सिर्फ 1 इमारत ही खतरनाक घोषित की गई है. आपको बता दें कि पुरानी दिल्ली में कई इमारतें ऐसी हैं जो आजादी से भी पहले की हैं. ऐसे में उन इमारतों का इस सूची में न होना हैरान करता है.

एमसीडी की इस रिपोर्ट के बाद आज तक की टीम ने पुरानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में खतरनाक हो चुकी इमारतों की खोजबीन की. सबसे पहले वे महावीर बाजार इलाके में पहुंचे. महावीर बाजार इलाके में सालों से एक जर्जर इमारत लोगों के लिए बड़ा खतरा बनी हुई है. यहां लोगों की मानें तो कई बार एमसीडी को शिकायत करने के बाद भी कोई एक्शन नहीं हुआ. यहां के दुकानदारों की मानें तो इमारत गिरने से नीचे बनी 40 दुकानों के भी मलबे में दबने का खतरा है. इससे जान और माल के नुकसान होने का खतरा बना हुआ है.

इसके बाद वे कृष्णा बाजार इलाके में पहुंचे. इस बाजार में अप्रैल 2016 के दौरान एक पुरानी इमारत की छत का हिस्सा गिरने से 2 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन उस हादसे से भी एमसीडी ने कोई सबक नहीं लिया. यहां अभी भी खतरनाक इमारते हैं. उनमें लोग रहते हैं. इमारत गिरने की सूरत में जान और माल का नुकसान होने का खतरा अधिक है. ये इमारतें बेहद तंग गलियों में हैं. यहां आपात वाहनों का वक्त पर पहुंचना बेहद ही मुश्किल है. सिर्फ यही नहीं चर्च मिशन रोड पर भी खतरनाक इमारतें है जिन्हे वक्त पर दुरुस्त किया जाना बेहद जरूरी है. इसके अलावा पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद, बल्लीमारान, चूड़ी वालान, चांदनी महल जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में भी खतरनाक इमारतों की भरमार है. इनमें से कई इलाकों में इमारत गिरने से कई लोगों की जान पहले भी जा चुकी है.

विपक्ष ने बताया मजाक

खतरनाक इमारतों की सूची में सिर्फ 15 इमारतों के शामिल किए जाने को लेकर विपक्ष ने एमसीडी पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष ने इसे लोगों की जान के साथ मजाक करार दिया है. विपक्ष के मुताबिक अकेले पुरानी दिल्ली के इलाके में ही इससे कहीं ज्यादा खतरनाक इमारतें मौजूद हैं. इसकी पुष्टि आज तक की पड़ताल भी करती है.

एमसीडी के मुताबिक हर साल बारिश से पहले उसके इंजीनियर पुरानी और जर्जर इमारतों का सर्वे करते हैं. सर्वे के बाद इंजीनियर उन इमारतों के मालिकों को रिपेयर का सुझाव देते हैं. जबकि ज़्यादा जर्जर और खतरनाक हो चुकी इमारत को एमसीडी खाली करने का नोटिस देती है. ये सर्वे इंजीनियर डोर टू डोर जाकर करते हैं. फिजिकल रिपोर्ट बनाकर दी जाती है जिसके आधार पर ये तय किया जाता है कि इमारत रहने लायक है या नहीं. एमसीडी के मुताबिक पुरानी दिल्ली में खतरनाक इमारतें ज्यादा हैं. यही वजह है कि यहां हादसे भी ज्यादा होते हैं. ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि पुरानी इमारत की भार सहने की क्षमता जाने बगैर उसमें अवैध निर्माण कर दिया जाता है.

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