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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत कर अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए जताया आभार 

वाराणसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुनिया की प्राचीनतम नगरी काशी में सोमवार से आयोजित 15वें तीन दिवसीय युवा प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आने वाले प्रवासी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत कर अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए आभार भी जताया। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन का शुभारंभ करने के बाद प्रवासी मेहमानों को प्रयागराज में कुम्भ स्नान,अक्षयवट और सरस्वती कुम्भ के दर्शन के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने पौष पूर्णिमा स्नान की प्रवासियों को बधाई देकर कहा कि प्रयागराज में लगभग 450 साल पुराने अक्षयवट और सरस्वती कुम्भ का दर्शन करना सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री ने भारत की हृदय स्थली उत्तर प्रदेश के सबसे प्राचीन शहर काशी में प्रवासी सम्मेलन आयोजित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार जताया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में इसकी शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। तब से लेकर आज तक दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले प्रवासी अपनी जड़ों को तलाशने और उससे जुड़ने के लिए भारत आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मेहमानों का अनुभव और प्रतिभा का लाभ देश को मिले इसके लिए भी मेहमान सहयोग दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि देश में पिछले साढ़े चार सालों से इस प्रयास में तेजी आई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में एक दिन से शुरू सम्मेलन अब तीन दिनी हो गया है। मुख्यमंत्री ने दुनिया के युवा प्रवासियों का आह्वान किया कि यह सम्मेलन दुनिया के प्राचीन अध्यात्मिक शहर काशी और प्रयागराज कुम्भ से जुड़ने का अवसर है। यह सम्मेलन बदलते हुए समृद्ध भारत और भारत के गणतंत्र को नजदीक से देखने का अवसर भी दे रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रवासियों के जज्बे संघर्ष सफलता की सराहना कर कहा कि आपने अपनी प्रतिभा ऊर्जा का लोहा मनवाया। एक नई दिशा दी पुरुषार्थ प्रतिभा को एक नई पहचान दी। इससे आपका सम्मान तो बढ़ा ही, भारत भी गौरवान्वित हुआ हैं। मुख्यमंत्री ने काशी के विकास और अध्यात्मिक शक्ति का जिक्र कर कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है। यूपी सबसे युवा 23 करोड़ आबादी वाला प्रदेश है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करने के साथ केन्द्र के जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदेश में लागू करने के बाद प्रदेश की बदली तस्वीर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि निवेश और पर्यटन की दृष्टि से भी प्रदेश में डेढ़ दो वर्षो में तस्वीर बदल चुकी है। इसे प्रवासी मेहमान देख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में भले ही खान—पान,रहन—सहन,उपासना पद्धति अलग हों, लेकिन उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम पूरा भारत एक हैं। ‘जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ से अपने मातृभूमि के प्रति सम्मान देने के लिए प्रवासियों से अपील कर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसे भारतीय लोगों को भी सीखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान एक जिला एक उत्पाद के जरिये उद्यमों के विकास के लिए सरकार के प्रयासों को बताकर इसकी प्रदर्शनी देखने के लिए भी अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर जिले के उत्पाद के बिक्री और इसकी वैश्विक ब्रांडिंग के लिए सरकार गम्भीर प्रयास कर रही है। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्थापना काल से लेकर दुनिया में शै​क्षणिक ताकत बनने तक का जिक्र कर कहा कि आज काशी विकास के क्षेत्र में दुनिया के सामने रोल माडल बन कर उभर रहा है।

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