नई दिल्ली। कोप्पल लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। इसी बीच कर्नाटक के वरिष्ठ भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा ने एक रैली में विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिमों को भाजपा इसलिए टिकट नहीं देती, क्योंकि वह हम पर भरोसा नहीं करते हैं। ईश्वरप्पा ने ये बात उन्होंने कोप्पल में कुरुबा और अल्पसंख्यक समुदाय को संबोधित करते हुए कही, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपको केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है, आपको टिकट नहीं दिया है। हम मुसलमानों को टिकट नहीं देते, क्योंकि आप हम पर भरोसा नहीं करते, हम पर भरोसा कीजिए और हम आपको टिकट और अन्य चीजें भी देंगे। केएस ईश्वरप्पा वर्तमान में कर्नाटक विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं। 70 साल के इस नेता ने भाजपा सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली है।
यहां तक कि उन्हें जगदीश शेट्टर के नेतृत्व में 2012-13 में बनी सरकार में उपमुख्यमंत्री पद का जिम्मा भी सौंपा गया था। कर्नाटक में 14 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को और बाकी की 14 सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होंगे। ईश्वरप्पा कुरुबा समुदाय से आते हैं। इन्होंने इससे पहले भी विवादित और लैंगिक बयान दिए हैं। पिछले साल फरवरी में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के साथ जुड़े मुस्लिम ‘हत्यारे’ हैं और उनकी पार्टी के साथ जुड़े हुए मुस्लिम अच्छे हैं। कर्नाटक में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या पर उन्होंने कहा था 22 आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने वाले मुस्लिम कांग्रेसी हैं और जो अच्छे मुस्लिम हैं वह भाजपा के साथ हैं। बता दें, केएस ईश्वरप्पा ने साल 2015 में एक महिला पत्रकार के सवाल का जवाब न देकर उन्हीं से आपत्तिजनक सवाल कर लिया था।
महिला पत्रकार से ईश्वरप्पा ने पूछा था, अगर कोई अगवा कर तुम्हारा बलात्कार कर दे, तो इसमें विपक्ष क्या कर सकता है। एक इंस्पेक्टर की मौत के बाद महिला पत्रकार ने उनसे सवाल किया था, शहर में कानून व्यवस्था की हालत लगातार बद से बदतर होती जा रही है, ऐसे में विपक्ष चुप क्यों बैठा हुआ है। इसका जवाब देते हुए ईश्वरप्पा ने उलटा महिला रिपोर्टर से आपत्तिजनक सवाल पूछ लिया कि अगर ‘कोई तुम्हें अगवा कर ले और तुम्हारा बलात्कार कर दे तो इसमें विपक्ष क्या कर सकता है। ईश्वरप्पा ने कहा, आप महिला हैं। आप अभी यहां हैं, अगर कोई आपको खींचता है और आपके साथ दुष्कर्म करता है, और हम विपक्षी सदस्य कहीं और हैं। तो हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा, आप मुझे बताइए कि हमें क्या करने की आवश्यकता है, हम वही करेंगे। जब छह साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया, तो हमने विधानमंडल में इसकी बहुत आलोचना की, हमने हर तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जो हम कर सकते थे। लेकिन आप लोगों ने मेरी भाषा पर आपत्ति जताई।