मेनका ने कहा अगर पर्याप्त शिकायत मिले तो पत्नी से रेप के लिए बन सकता है अलग कानून
आपको बता दें पिछले साल राज्यसभा में मैरिटल रेप यानि शादीशुदा रेप के बारे में एक सवाल के जवाब में मेनका गांधी ने कहा था कि भारत में मैरिटल रेप की अवधारणा को लागू नहीं किया जा सकता है और सरकार का इसे अपराधों की श्रेणी में लाने का कोई इरादा नहीं है.महिला एंव बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्यसभा में कहा कि भले ही पश्चिमी देशों में मैरिटल रेप की अवधारणा प्रचलित हो लेकिन भारत में गरीबी, शिक्षा के स्तर और धार्मिक मान्यताओं के कारण शादीशुदा रेप की अवधारणा फिट नहीं बैठती, इसलिए इसे भारत में लागू नहीं किया जा सकता है.
इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमें पता है मैरिटल रेप के मामले लगातार हो रही हैं. लेकिन महिलाओं को ऐसे मामलों को लेकर सामने आना चाहिए, जिससे सरकार के पास इस तरह की हिंसा का डाटा तैयार हो सके और इस दिशा में कानून बनाया जा सके.”
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सरकार के पास ऐसा कोई भी केस नहीं है जिसके आधार पर एक अलग कानून को लाया जाए और इसे अपराधों की श्रेणी में डाला जाए. मेनका ने कहा कि यहां तक की महिलायें देश में मौजूद घरेलू हिंसा कानून का ही प्रयोग नहीं कर रही हैं जिसके तहत पति के द्वारा रेप की शिकायत को दर्ज कराया गया हो.
उन्होंने कहा, “हिंसा, हिंसा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए. हमने घरेलू हिंसा कानून में इस तरह के प्रावधान किये हैं जिसके तहत अगर मैरिटल रेप की शिकायतों को दर्ज कराया जाए तो सरकार के पास पर्याप्त डाटा होगा जिसके बाद इसे अपराधों की श्रेणी में लाया जा सकता है.”