राजनीति

मोदी के सामने गिनाई थीं सीएम राजे ने उपलब्धियां, अब हकीकत आई सामने

देश में विभिन्न सरकारी सेक्टरों की बेहतरी के लिए सरकारें उन्हें लगातार निजी हाथों में सौंप रही हैं। ऐसा ही कुछ निर्णय राजस्थान सरकार ने किया।
सरकारी स्कूलों के बेहतर संचालन में विफल रही सरकार ने अब स्कूलों को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने का निर्णय कर किया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही उदयपुर आए प्रधानमंत्री मोदी के सामने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान में स्कूली शिक्षा के विकास के लिए अपनी पीठ ठोंकी थी। लेकिन दस दिन के भीतर ही सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में सौंपने के निर्णय ने उन्हें कटघरे में खड़ा ​कर दिया है।

राज्य केबिनेट की बैठक में निर्णय किया गया है कि 300 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों को  प्रथम चरण पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जाएगा।

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मोदी के सामने गिनाई थीं सीएम राजे ने उपलब्धियां, अब हकीकत आई सामनेगुणवत्ता का हवाला दे रही है सरकार

गौरतलब है राज्य में ऐसे स्कूलों की संख्या 9895 है। मंत्री राजेन्द्र सिंह ने इस निर्णय के बारें में बताया कि ऐसा सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कर रही है।

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सिंह के अनुसार  निजी सहभागी को विद्यालय आवंटित होने पर उसे आधारभूत संरचना के विकास के लिए 75 लाख रुपए प्रति स्कूल खर्च करने होंगे। अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों पर वर्तमान में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रति विद्यार्थी खर्च का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

इस नीति के तहत इन विद्यालयों में काम कर रहे शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों को दूसरे विद्यालयों में स्थानान्तरित किया जाएगा।

 

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