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मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रख सकता है रिजर्व बैंक


दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
65200-rajanमुंबई: रिजर्व बैंक मंगलवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है और मुद्रास्फीति को लेकर चिंता के बीच फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले देखो और इंतजार करो का रूख अपना सकता है। पिछली समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पाचवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा एक दिसंबर को पेश करेंगे। यूको बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक आर के टक्कर ने कहा, “मुझे लगता है कि राजन फेडरल रिजर्व के अगले कदम का इंतजार करेंगे। वह नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेंगे।” यूनाइटेड बैंक के कार्यकारी निदेशक संजय आर्य ने कहा कि उन्हें भी मंगलवार को यथास्थिति बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “मुद्रास्फीति को लेकर चिंता है और मुझे नहीं लगता कि किसी प्रकार का बदलाव होने जा रहा है। इस बार राजन यथास्थिति बनाये रख सकते हैं।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दीर्घकाल में अवस्फीति दबाव के कारण नीतिगत दरें नीचे आएंगी। अमरीकी ब्रोकरेज कंपनी सिटी तथा बैंक आफ अमरीका मेरिल लिंच के विश्लेषकों ने भी इस प्रकार के किसी ताज्जुब वाले कदम की संभावना से इनकार किया है। बोफा-एमएल ने एक रिपोर्ट में कहा कि हमारे हिसाब से राजन मंगलवार को नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं करेंगे। वह फरवरी में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकते हैं। सिटी ने भी इसी प्रकार का विचार देते हुए कहा, “सितंबर में 0.50 प्रतिशत की कटौती के बाद रिजर्व बैंक मंगलवार को यथास्थिति बरकरार रख सकता है क्योंकि दिसंबर में फेडरल रिजर्व की बैठक तथा आने वाले बजट को लेकर अनिश्चितता है।” उद्योग मंडल एसोचैम ने भी कहा कि शीर्ष बैंक मानक दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है क्योंकि वैश्विक कारक उसके रूख को प्रभावित कर रहे हैं। एसोचैम ने कहा, “‘पश्चिम एशिया में तेजी से बदलती भू-राजनैतिक स्थिति और आतंकी हमलों की आशंकाएं तथा इसकी आर्थिक लागत का आर.बी.आई. की नीतिगत पहल पर जरूर असर होगा जिसके आगामी समीक्षा में ब्याज दरों में और कटौती की संभावना नहीं है।” अमरीकी फेडरल रिजर्व की 16 दिसंबर से दो दिवसीय बैठक हो रही हैं इसमें ब्याज दर बढ़ाए जाने के बारे में निर्णय किया जा सकता है। 2008 में वैश्विक ऋण संकट के बाद से अमेरिकी रेपो दर 0-0.25 प्रतिशत बना हुआ है।

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