बिहार के पूर्णिया में स्वतंत्रता दिवस पर आधी रात को झंडा फहराया जाता है. ये परंपरा पिछले 71 सालों से आज भी जारी है. दरअसल,14 अगस्त 1947 की आधी रात को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लालकिले पर झंडा फहराया था. ठीक उसी समय पूर्णिया के भट्ठा बाजार के चौक पर लोग रेडियो पर समारोह का प्रसारण सुन रहे थे. स्वत्रंता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह भी वहीं मौजूद थे उन्होंने उसी समय तिरंगा फहराया था.
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तभी से भट्ठा बाजार के चौक पर स्वतंत्रता दिवस पर आधी रात को तिरंगा फहराया जाता है. रामेश्वर प्रसाद सिंह की बेटी सुलेखा इस दृश्य को बचपन से देख रही हैं. 75 वर्षीय सुलेखा जी ने बताया कि उस समय लोगों में बहुत उत्साह हुआ करता था. पूरे शहर के लोग जमा होते थे. शाम से ही आज़ादी दिवस का माहौल बनने लगता था. हालांकि अब उतना जोश नहीं दिखता लेकिन आधी रात को तिरंगा फहराने की परंपरा जारी है.
एकता व शान्ति से रहने की प्रेरणा देता है धर्म
पिछले 71 वर्षों से 15 अगस्त को रात 12.01 मिनट पर रामाश्रय प्रसाद सिंह के पोते बिपुल प्रसाद सिंह तिरंगा फहराते हैं. राष्ट्रगान होता है, भारत माता की जय के नारे लगते हैं और लोगों को जलेबी खिलाई जाती है. बाघा बॉर्डर पर भी आधी रात को तिरंगा फहराया जाता है. यानी पूर्णिया देश का ऐसा दूसरा स्थान है, जहां आधी रात को ध्वजारोहण का कार्यक्रम होता है.