
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार व्यास जी ने गणेश जी को अपनी बातों में उलझा दिया और गणेश जी को पूरी महाभारत कथा मांणा गांव में स्थित व्यास गुफा में बैठकर लिखनी पड़ी थी।
जहां यह कथा लिखी गई थी वह गुफा अलकनंदा और सरस्वती नदी के संगम तट पर मौजूद है।
यह पवित्र स्थान देवभूमि उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर भारतीय सीमा के अंतिम गांव माणा में स्थित है।
कहा जाता है कि इसी गुफा में रहकर वेदव्यास जी ने सभी पुराणों की रचना की थी। व्यास गुफा को बाहर से देखकर ऐसा लगता है मानो कई ग्रंथ एक दूसरे के ऊपर रखे हुए हैं। इसलिए इसे व्यास पोथी भी कहते हैं।