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यूपी चुनावः हिंदुओं का पलायन भाजपा का अहम मुद्दा

पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा मुजफ्फरनगर दंगा, महिला सुरक्षा के बाद जिस मुद्दे को सबसे ज्यादा प्रचारित करने में जुटी है, वह कैराना शहर से हिंदुओं के पलायन का है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के सभी स्टार प्रचारक के अलावा पार्टी के सभी उम्मीदवार इस मुद्दे को जोरशोर से उठा कर ध्रुवीकरण की कोशिश में हैं। 
 
चूंकि पार्टी सांसद हुकुम सिंह के पलायन संबंधी दावे को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सही ठहरा दिया है, इसलिए पार्टी इस मुद्दे पर फ्रंट फुट पर है। गौरतलब है कि पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र जारी करते हुए शाह ने भी कैराना में हिंदुओं के पलायन को बड़ा मुद्दा बताया था। इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य नेताओं ने इस क्षेत्र में प्रचार के दौरान इस मुद्दे को हवा देने की कोशिश की है। चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी कैराना के पलायन की तुलना कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पलायन से कर रही है। कैराना के इतर दूसरे क्षेत्र में भी बताया जा रहा है कि एक धर्म विशेष राजनीतिक संरक्षण की बदौलत 250 हिंदू परिवारों को कैराना से अपनी संपत्ति छोड़ कर भागना पड़ा है।

शाह सहित सभी स्टार प्रचारक जोरशोर से उठा रहे हैं यह मुद्दा 

भाजपा इन इलाकों में चुनाव जीतने के महज एक हफ्ते के अंदर इससे जुड़े अपराधियों को हर हाल में जेल भेजने की बात कर रही है। इसके अलावा पार्टी पलायन का संज्ञान लेने के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से उप जिलाधिकारी की नियुक्ति का भी वादा कर रही है।

गौरतलब है कि इस क्षेत्र में पलायन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि आजादी के बाद इस तरह की घटना प्रदेश के माथे पर एक दाग की तरह है। जबकि पार्टी प्रत्याशी संगीत सोम ने कैराना में हालात सुधारने के लिए चुनाव जीतने के बाद कर्फ्यू लगाने का दावा किया था। चूंकि पलायन का शिकार ज्यादातर व्यापारी वर्ग हुआ है। ऐसे में भाजपा को नोट बंदी के फैसले से नाराज इस वर्ग को साध लेने की उम्मीद बंधी है।

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