उत्तर प्रदेशटॉप न्यूज़राज्य

यूपी पुलिस की नजर में नौ साल का बच्‍चा बना ‘शराब माफिया’

कभी यूपी पुलिस को एक साल के बच्‍चे से शांति उल्‍लंघन का खतरा पैदा होता है तो वह कभी वह तीन साल के बच्‍चे के खिलाफ समन भेज देती है। ताजा मामला फिरोजाबाद के मक्‍खनपुर का है जहां पुलिस में नौ साल के बच्‍चे को ही ‘शराब माफिया’ बना दिया। एक्‍साइज एक्‍ट के तहत दर्ज किए गए इस मुकदमे में बच्‍चे के पिता को भी आरोपी बनाया गया।

हालांकि, नौ साल के बच्‍चे के खिलाफ यह एफआईआर मार्च में दर्ज की गई थी। बाद में बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया तो एफआईआर में से बच्‍चे का नाम हटा दिया गया।

दरअसल, दो मार्च को मुखबिर की सूचना के आधार पर अशोक कुमार शर्मा की अगुवाई में पुलिस ने भूपल के यहां छापा मारा था। पुलिस को वहां से अवैध शराब के 500 पाउच मिले थे। ये शराब फसलों में छुपाए गए थे। पुलिस ने तत्‍काल ही भूपेल को हिरासत में ले लिया था।

पुलिस से पूछताछ के दौरान भूपेल ने तीन लोग बनारसी दास, सोपाली और अवधेश का नाम बताया था। अवधेश ही सोपाली की नौ साल का बेटा है। बिना किसी जांच के पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एक्‍साइज एक्‍ट के तहत चार्जशीट दायर कर दी। इन लोगों पर आईपीसी के धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

अवधेश की मां ने बताया, ‘मेरा बेटा महज नौ साल का है। भला वह कोई गंभीर अपराध कैसे कर सकता है। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जानी चाहिए।’

वकील राजवीर सिंह ने बताया, ‘शुरुआती जांच के बिना पुलिस किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती है। एक छोटे बच्‍चे के खिलाफ चार्जशीट दायर करना पुलिस की बड़ी चूक है। इससे साबित होता है कि पुलिस कितनी लापरवाही से एक मासूम के खिलाफ ऐसे गंभीर अपराध का मुकदमा दर्ज कर देती है।’

Related Articles

Back to top button