यूपी: शहीद की उपेक्षा का आरोप, अनशन पर परिवार
उनका कहना है कि उनके शहीद पुत्र को सम्मान देने के लिए कोई भी राजनेता नहीं आया और न ही उसके सम्मान के लिए कोई घोषणा की गई। शहीद के पिता बच्चू सिंह और पत्नी सीमा ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री गांव नहीं आते तब तक अनशन जारी रहेगा।
जम्मू में बुधवार को आतंकी अबू कासिम और अन्य से मुठभेड़ में लांसर टू जोधपुर में तैनात सैनिक भवनपुरा निवासी समोद चौधरी शहीद हो गए थे। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। जहां भीड़ के मध्य राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद के पिता बच्चू सिंह ने कहा कि उनके जवान बेटे ने देश सेवा में जान दे दी, लेकिन उसकी अंत्येष्टि में केंद्र सरकार के किसी मंत्री और मुख्यमंत्री अथवा उनके प्रतिनिधि मंत्री भी शामिल नहीं हुए। बेटे की शहादत पर अमर रहे के नारे खूब लगे पर उसके अमरत्व के लिए कोई भी घोषणा नहीं हुई।
अनशन पर बैठे ग्रामीण उदयवीर सिंह, नारायण सिंह, नेम सिंह, महावीर सिंह आदि ने जिले के अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर सूबे का एक जवान सीमा पर शहीद होता है तो मंत्री भी सम्मान में नहीं पहुंचते। परिवारीजनों और ग्रामीणों ने मांग की कि वह शहीद समोद की याद में सेना की विशेष भर्ती करें।
इस संबंध में एसडीएम विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि शहीद की अंत्येष्ट में बड़ी भीड़ थी। सभी की संवेदनाएं शहीद और उनके परिवारीजनों के साथ थीं। शहीद की याद में रोड निर्माण, शहीद स्मारक के लिए जमीन और कुछ सहायता राशि की घोषणा करनी थी। शहीद के परिवारीजनों के अनशन की खबर पर उन्होंने कहा कि यह शहीद के सम्मान के साथ उचित न्याय नहीं है।