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ये हैं भारत के वॉरेन बफेट, आजादी के 70 साल में तमगा पाने वाले बने पहले भारतीय

1985 में मात्र 100 डॉलर से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में निवेश की शुरुआत करने वाले सीए राकेश झुनझुनवाला आज देश भर में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। फोर्ब्स के अनुसार, राकेश को भारत का वॉरेन बफेट माना जाता है, क्योंकि वो जिस किसी कंपनी में निवेश कर देते हैं वो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन जाती है। 

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ये हैं भारत के वॉरेन बफेट, आजादी के 70 साल में तमगा पाने वाले बने पहले भारतीयआजादी के 70 साल बाद किसी भारतीय को यह तमगा मिला था। यह तब है जब वो किसी तरह का कोई बिजनेस या फैक्ट्री नहीं चलाते हैं। केवल शेयर मार्केट में निवेश के बल पर ही उन्हें यह उपाधि हासिल हुई है। 

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए झुनझुनवाला की सलाह बिलकुल सटीक साबित होती है। 8 अगस्त तक फोर्ब्स के मुताबिक, उनकी नेट वर्थ 2.5 बिलियन डॉलर थी। इसके साथ ही 2016 में भारत के सबसे करोड़पति लोगों में 53वां स्थान था। स्टॉक मार्केट में निवेश के अलावा उनकी कई कंपनियों में हिस्सेदारी है जिनमें ल्युपिन, अरबिंदो फॉर्मा, जुबलिएंट लाइफ, जेपी एसोसिएट्स, टाटा मोटर डीवीआर और मैकनॉली भारत शामिल है। 

57 साल के झुनझुनवाला ने भारत में पहली आईटी एजूकेशन कंपनी ऐपटेक लिमिटेड खोली थी।  वो फिलहाल ऐपटेक और हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट के चेयरमैन हैं। 

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10 कंपनियों के हैं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल
झुनझुनवाला फिलहाल 10 कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हैं। इसमें प्राइम फोकस लिमिटेड, बीएनपी पारीबस फाइनेंस सर्विस, बिलकेयर लिमिटेड, प्राज इंडस्ट्री, प्रोवोग इंडिया लिमिटेड, कॉनकोर्ड बॉयोटेक लिमिटेड, इनोवासिंथ टेक्नोलॉजी लिमिटेड, मिड डे मल्टी मीडिया, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, वाइसरॉय होटल लिमिटेड और टॉप्स सिक्युरिटी लिमिटेड शामिल हैं। 

झुनझुनवाला की पत्नी रेखा भी उनकी तरह इन्वेस्टमेंट करती हैं और उनके 3 बच्चे हैं। झुनझुनवाला को महंगे सिगार और शराब का शौक है। 

 
 

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