अद्धयात्म

ये है रत्नों का रत्न, इसे पहनने से सारी समस्याएं अपने आप हो जाती है दूर

हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में कई सारी समस्याएं आती ही रहती है जीवन में समस्याओं का आना जाना तो लगा रहता है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग इन समसयाओं से तंग आ जाते हैं जी हां और फिर इनसे पीछा छुड़ाने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। पर आपको बता दें कि हमारी सभी समस्याओं का उपाय शास्त्रों में बताया गया है। आज हम आपको एक ऐसी ही चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका जिक्र शास्त्रों में किया गया है।

ये है रत्नों का रत्न, इसे पहनने से सारी समस्याएं अपने आप हो जाती है दूरजैसा की आप सभी जानते हैं कि धार्मिक कथाओं और ग्रंथों के अनुसार स्टोन, रत्न‍ या फिर नग पहनने से व्यक्ति की परेशानियां खत्म हो जाती है। क्योंकि ये रत्न व्यक्ति की ग्रहों को उनके अनुकूल करते हैं। इन रत्नों में सबसे सर्वश्रेष्ठ मूंगा को बताया गया है जी हां कहते हैं कि इसे राशिवार धारण करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर होने लगती हैं।

सबसे पहले तो मूंगा के बारे में ये बताते चलें की यह मंगल ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। इसे विभिन्न नामों से पुकारा जाता है यथा- मूंगा, भौम-रत्न, प्रवाल, मिरजान, पोला तथा अंग्रेजी में इसे कोरल कहते हैं। मूंगा मुख्यतः लाल रंग का होता है। इसके अतिरिक्त मूंगा सिंदूरी, गेरुआ, सफेद तथा काले रंग का भी होता है। मूंगा एक जैविक रत्न होता है। इतना ही नहीं मूंगा समुद्र के गर्भ में लगभग छः-सात सौ फीट नीचे गहरी चट्टानों पर विशेष प्रकार के कीड़े, जिन्हें आईसिस नोबाइल्स कहा जाता है, इनके द्वारा स्वयं के लिए बनाया गया घर होता है। शायद आपको पता नहीं होगा कि उनके इन्हीं घरों को मूंगे की बेल अथवा मूंगे का पौधा भी कहा जाता है।

पहचान करने के लिए बता दें कि ये बिना पत्तों का केवल शाखाओं से युक्त पौधा होता है जो कि दो फुट ऊंचा और एक इंच मोटाई का होता है। कई लोग मूंगे को लेकर काफी अलग अलग धारणाएं पाल रखे हैं वहीं ये भी बता दें कि मूंगे को लेकर कुछ लोग ये सोचते हैं कि मूंगे का पेड़ होता है लेकिन सच तो ये है कि मूंगे का पेड़ नहीं होता और न ही यह वनस्पति है बल्कि इसकी आकृति पौधे जैसी होने के कारण ही इसे पौधा कहा जाता है। सच तो ये है कि ये एक जैविक रत्न होता है।

अब जानते हैं इसे धारण करने की विशेषता एवं लाभ-

मूंगे की सबसे प्रमुख विशेषता तो ये है कि ये दिखने में बेहद ही ज्यादा सुंदर रंग व आकार का होता है। वहीं बताते चलें कि ये बेहद ज्यादा कीमती नहीं होता है लेकिन इसके इसी सुंदर व आकर्षक रंग के कारण इसे नवरत्नों में शामिल किया गया है। मूंगा धारण करने से मंगल ग्रह जनित समस्त दोष शांत हो जाते हैं। मूंगा धारण करने से रक्त साफ होता है और रक्त की वृद्धि होती है।

हृदय रोगों में भी मूंगा धारण करने से लाभ होता है। पर ध्यान रहे ये असली होना चाहिए बता दें कि अन्य रत्नों की अपेक्षा मूंगा चिकना होता है तथा हाथ में लेने पर फिसलता है। इसके अलावा अगर असली मूंगे पर किसी माचिस की तिल्ली से पानी की बूंद रखने से बूंद यथावत् बनी रहती है, फैलती नहीं है।

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