अद्धयात्म

रविवार को इन कार्यों के लिए हैं शुभ मुहूर्त, जानिए आज का पंचांग

surya-14444748736 दिसम्बर 2015 को रविवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: दक्षिण, शाके: 1937, हिजरी: 1437, मु. मास: सफर-23, ऋ तु: हेमन्त, मास: मार्गशीर्ष, पक्ष: कृष्ण है।

शुभ तिथि

दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि प्रात: 7.41 तक, तदुपरान्त एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। दशमी तिथि की वृद्धि हुई है। दशमी व एकादशी तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, विवाह, प्रतिष्ठा, उपनयन, गृहारम्भ, प्रवेश, यात्रा, सवारी, देवकार्य, देवोत्सव व व्रतोपवास आदि सभी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।

दशमी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: पवित्र, अत्यन्त भाग्यवान, चंचलचित्त तथा बड़ा बुद्धिमान होता है।

नक्षत्र: हस्त ‘क्षिप्र व तिङ्र्यंमुखÓ संज्ञक नक्षत्र अपराह्न 3.31 तक, तदन्तर चित्रा नक्षत्र रहेगा। हस्त नक्षत्र में यथाआवश्यक यात्रा, विद्या, विवाहादि मांगलिक कार्य, वास्तु-गृहारम्भ व प्रवेश, प्रतिष्ठा, औषध व वस्त्रालंकार आदि कार्य और चित्रा नक्षत्र में शान्ति, पुष्टता, कारीगरी, वास्तु, अलंकार, वस्त्र, जनेऊ तथा कृषि सम्बन्धी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।

हस्त नक्षत्र में जन्मा जातक सामान्यत: भाग्यशाली, माननीय, मेधावी, दूसरों के कार्यों में सदा व्यस्त, पर तस्कर, थोड़ा क्रोधी, कलह प्रिय, व्यसन प्रिय और क्रोधी होता है। इनका भाग्योदय लगभग 30-32 वर्ष की आयु के मध्य होता है।

योग

आयुष्मान नामक योग प्रात: 9.31 तक, तदन्तर सौभाग्य नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।

विशिष्ट योग: सूर्योदय से अपराह्न 3.31 तक अमृत-सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग रहेगा।

करण

भद्रा संज्ञक विष्टि करण प्रात: 7.49 तक, तदन्तर बवादि करण रहेंगे।

चंद्रमा

अन्तरात्रि सूर्योदय पूर्व 5.01 तक कन्या राशि में, इसके बाद तुला राशि में रहेगा।

परिवर्तन

दोपहर 12.02 पर बुध मूल नक्षत्र व धनु राशि में प्रवेश करेगा।

शुभ मुहूर्त

उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार रविवार को भद्रोत्तर, हस्त नक्षत्र में वाहन क्रय करना, प्रसूतिस्नान, विपणि-व्यापारारम्भ, चूड़ाकरण, नींव का मुहूर्त, गृहप्रवेश तथा विवाह के (अशुद्ध) मुहूर्त हैं।

वारकृत्य कार्य

रविवार को सामान्यत: स्थिर संज्ञक कार्य, राज्याभिषेक, पदारूढ़ होना, ललित कला सीखना, राज्य सेवा, पशु क्रय, औषध-निर्माण, धातु कार्य, यज्ञादि मन्त्रोपदेश आदि कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।

दिशाशूल

रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर अति आवश्यकता में शूलदिशा की अनिवार्य यात्रा पर कुछ घी खाकर प्रस्थान कर सकते हैं। चंद्र स्थिति के अनुसार दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी।

 

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