राज्य सूचना आयुक्त ने 51 वादों की सुनवाई की
लखनऊ : राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने 51 वादों की सुनवाई कलेक्ट्रेट, सहारनपुर में की। 2 वाद तृतीय पक्ष से सम्बन्धित थे, 3 वाद दूसरे विभाग से सम्बन्धित जो धारा- 6 (3) के तहत अन्तरित हुए, 1 वाद में 18 (2) के तहत जांच, 11 अधिकारियों पर अर्थदण्ड अधिरोपित, 4 में बतौर वादी को क्षतिपूर्ति दिये गये, 25 फाईले हुई निस्तारित, 5 वादों में प्रतिवादी को दी गयी, नियम के तहत चेतावनी। 2 केस (वादों) में सूचना तृतीय पक्ष से सम्बन्धित होने पर आयुक्त महोदय ने तृतीय पक्ष को नोटिस जारी किया कि अगले 10 में अपनी आपत्ति शपथ-पत्र के साथ दर्ज कराये कि क्यों आपकी सूचना वादी को न दी जाये, तृतीय पक्ष की आपत्ति प्रस्तुत न होने पर प्रतिवादी को नियमानुसार निदेर्शित कर दिया जायेगा कि आपकी सूचना क्यों न प्रकट कर दी जाये। 3 केस (वादों) में सूचना दूसरे विभाग से सम्बन्धित होने पर अधिनियम की धारा 6(3) के तहत प्रतिवादी ने नियमानुसार वादी का पत्र सम्बन्धित विभाग को अन्तरित कर आयोग को सूचित किया।1 केस (वाद) में मामला जनहित से सम्बन्धित होने पर आयुक्त महोदय ने अधिनियम की धारा-18(2) के तहत प्रकरण में एसडीएम को जांच के आदेश दिये और निदेर्शित किया कि मामले में वादी/प्रतिवादी दोनों के बयान कलमबद्ध करते हुए, जांच करे और जांच से सम्बन्धित रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश करें।
कुल अर्थदण्ड अधिरोपित 2,65,000 (दो लाख, पैंसठ हजार)
विकास प्राधिकरण, सहारनपुर। रू. 25,000/-
तहसीलदार तहसील चन्दौसी, सम्भल। रू. 25,000/-
तहसीलदार तहसील गुन्नौर, सम्भल। रू. 25,000/-
थानाध्यक्ष थाना नागल जिला सहारनपुर। रू. 25,000/-
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, सहारनपुर। रू. 25,000/-
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता, बिजनौर। रू0 25,000/-
जिला पंचायत राज अधिकारी, मुजफ्फरनगर। रू. 25,000/-
उपखण्ड अधिकारी, विद्युत वितरण खण्ड गंगोह, सहारनपुर। रू. 25,000/-
अधि0अभि0, वि0वि0खण्ड खतौली, मुजफ्फरनगर। रू. 25,000/-
दुग्ध विकास विभाग, बिजनौर। रू. 25,000/-
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोरना, मु. नगर। रू. 15,000/- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुजफ्फरनगर। रू. 5,000/-
अधि.अभि., वि.वि. खण्ड खतौली, मुजफ्फरनगर। रू. 5,000/-
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, सहारनपुर। रू. 5,000/-
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी पूर्ति विभाग धामपुर, बिजनौर। रू. 5,000/-
25 फाइले निस्तारित की गयी, जिसमें वादी को सूचनाएं उपलब्ध करायी गयी।
5 फाइलों में प्रतिवादी को निदेर्शित किया गया कि अगले 30 दिन के अन्दर वादी को सूचनाएं उपलब्ध कराये, अन्यथा अधिनियम की धारा 20(1) के तहत दण्डात्मक एंव धारा 19(8)(ख) के तहत क्षतिपूर्ति तथा धारा 20 (2) के तहत क्यों न विभागीय कार्यवाही का आदेश पारित कर दिया जाये।
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