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रानीपुरा हादसा: शॉर्ट सर्किट से नहीं हुआ था ब्लास्ट, 500 kg से ज्यादा बारूद था दुकान में
इंदौर. रानीपुरा के जिस हादसे में सात लोगों की जान गई, वह शॉर्ट सर्किट की वजह से नहीं बल्कि दिलीप पटाखा हाउस में पटाखे रखने में चूक के कारण हुआ था। इतना ही नहीं, वहां 500 किलो से ज्यादा पटाखे रखे हुए थे, जिसमें आग और विस्फोट हुआ था। आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को भागने का मौका नहीं मिला। केंद्रीय पेट्रोलियम तथा विस्फोटक संगठन (पीईएसओ) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं।
– पटाखा हाउस मालिक के इसी दुकान से जुड़कर पीछे की ओर गोदाम भी थे। वहां 150 किलो से ज्यादा पटाखे थे। यदि वहां तक आग पहुंच जाती तो कई और दुकानें और लोग इसकी चपेट में आ जाते।
– पीईएसओ के रीजनल ऑफिस भोपाल से गुरुवार सुबह नियंत्रक विस्फोटक आर. रावत जांच के लिए गोपनीय रूप से आए और उन्होंने रानीपुरा की दुकानों का करीब एक घंटे तक निरीक्षण किया।
– पीईएसओ के रीजनल ऑफिस भोपाल से गुरुवार सुबह नियंत्रक विस्फोटक आर. रावत जांच के लिए गोपनीय रूप से आए और उन्होंने रानीपुरा की दुकानों का करीब एक घंटे तक निरीक्षण किया।
– रावत इस मामले में हुई एफआईआर व उनके द्वारा की गई जांच संबंधी सभी दस्तावेज मांगे हैं। इसके बाद ही वह विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रशासन और पीईएसओ के नागपुर स्थित मुख्यालय को भेजेंगे। उधर, अपर कलेक्टर शम्सुद्दीन ने भी घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी है।
बॉक्स रखने में गलती हुई आैर फट गया पटाखा
– दिलीप पटाखा हाउस के निरीक्षण में यह बात सामने आई कि पटाखों का स्टॉक होने के कारण वहां बारूद फैला हुआ होगा।
– दिलीप पटाखा हाउस के निरीक्षण में यह बात सामने आई कि पटाखों का स्टॉक होने के कारण वहां बारूद फैला हुआ होगा।
– पटाखे से भरे किसी बॉक्स को रखने में गलती होने पर कोई पटाखा फट गया और दुकान में रखे 500 किलो से ज्यादा बारूद ने आग पकड़ ली।
– शाॅर्ट सर्किट होने पर आग इतनी तेजी से नहीं फैलती है। इसमें चिंगारी होने पर पहले धुआं उठता है और धीरे-धीरे आग बढ़ती है। इस मामले में आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को भागने और संभलने का भी मौका नहीं मिला।