नई दिल्ली : रामलीला मैदान में विराट धर्म सभा के बाद भी विश्व हिंदू परिषद की यात्रा थमी नहीं है। यह अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण तक जारी रहेगी। इस पर आगे की रणनीति को लेकर दैनिक जागरण से बातचीत में विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम सांसदों से मिल रहे हैं। इसी क्रम में रायबरेली के संगठन के लोगों ने सोनिया गांधी से, जबकि अमेठी के लोगों ने राहुल गांधी से समय मांगा है। यही नहीं हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य पार्टी के सांसदों से भी मिलकर समर्थन मांगेंगे। दिल्ली के रामलीला मैदान में धर्म सभा जिस मकसद के लिए आयोजित की गई क्या उसकी पूर्ति हुई? के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि धर्म सभा में रामभक्तों की उपस्थिति अद्भुत थी। रामलीला मैदान में इससे अधिक भीड़ पहले कभी नहीं देखी। अब स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता राम से कितनी गहराई से जुड़ी हुई है। साथ ही कानून पारित कराने के लिए किस तरह से आग्रह कर रही है। राजधानी दिल्ली के हृदय में हुई इस सभा से हमारी भावनाएं सरकार तक जरूर पहुंच जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट और सरकार को यह समझना होगा कि मंदिर निर्माण के लिए अब कानून लाना ही होगा। इसे अब और टाला गया तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। धर्म सभा के बाद आगे क्या होगा? को लेकर आलोक कुमार ने कहा कि हमें विश्वास है कि कानून आएगा। वैसे, इस आंदोलन के तीसरे चरण में गीता जयंती के अवसर पर 18 दिसंबर से प्रखंड स्तर पर धार्मिक अनुष्ठान करने का आह्वान किया है। इससे समस्त प्रकृति को अनुकूल बनाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान किया जाएगा। इसके बाद जो भी परिस्थिति होगी। उसके लिए 31 जनवरी और एक फरवरी को प्रयागराज में बड़ी धर्म संसद बुलाई गई है, इसमें साधु-संतों के मार्गदर्शन से आगे की रणनीति बनाएंगे। सरकार अभी भी कुछ स्पष्ट नहीं कर रही है? अमित शाह ने भी इस सत्र में किसी विधेयक से इनकार किया है? सवाल के जवाब में वह बोले- उन्होंने (अमित शाह) यह भी नहीं कहा कि विधेयक नहीं आएगा। सरकार निर्णय करे, यह उसका अधिकार है। हम जनभावनाओं को उस तक पहुंचाएं यह हमारा कर्तव्य है। सरकार के निर्णय पर हिंदू समाज आगे खुद विचार करेगा। उन्होंने कहा कि रामलला चाहेंगे तो होगा, हमें तो चीजें अनुकूल नजर आ रही हैं और 2019 के चुनाव से पहले राममंदिर का निर्माण शुरू हो सकेगा? उन्होंने कहा कि हम तो अब कानून मांग रहे हैं। कोर्ट का इंतजार 68 साल कर लिया। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला 2011 से जबकि कोर्ट में 1950 से हैं। कोर्ट लगातार इस मामले को टाल रही है, अब अनंत काल तक प्रतीक्षा के लिए हिंदू समाज तैयार नहीं है। गौरतलब है कि रामलीला मैदान में आयोजित विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) की धर्म सभा में दिल्ली और अन्य स्थानों से आए लोगों की वजह से दिल्ली की सड़कें जय श्री राम के नारों से गूंज उठी। राजधानी के प्रत्येक सीमावर्ती इलाकों से बसों में जय श्री राम के नारे और भजन पर झूमते हुए लोग दिखाई दे रहे थे। सुबह छह बजे ही श्रीराम भक्तों का जत्था रामलीला मैदान में जुटना शुरू हो गया था और देखते ही देखते दस बजे तक रामलीला मैदान लोगों से खचाखच भर गया। पूर्वी दिल्ली से लेकर उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिम दिल्ली से रामलीला मैदान की ओर जाने वाली सड़कों पर लोग ‘मंदिर वहीं बनाएंगे, बच्चा-बच्चा राम का, मातृभूमि के काम का’ नारे लगा रहे थे। अरुणा आसफ अली रोड से लेकर राजघाट तक और आइटीओ व इंडिया गेट से लोग पैदल ही रामलीला मैदान पहुंचने के लिए आगे बढ़ रहे थे। इन लोगों में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान काफी संख्या में दिखाई दिए।
रामलीला मैदान सुबह दस बजे ही पूरी तरह से खचाखच भर गया था। इसको देखते हुए पुलिस ने 10.30 बजे रामलीला मैदान में प्रवेश के सभी द्वारों को बंद कर दिया। इसके बाद लोगों को जब एक गेट से नहीं घुसने दिया तो लोगों ने दूसरे और तीसरे गेट से प्रवेश करने का प्रयास किया। जब प्रवेश नहीं मिला तो लोग सड़क पर ही जय श्री राम का नाम जपते हुए बैठ गए। सड़क पर लगी एलईडी स्क्रीन पर पूरा प्रसारण देखते रहे। कई साधु और सामान्य लोग एक स्वर में श्रीराम के भजन गा रहे थे। हलांकि, कई लोग ऐसे थे जो रामलीला मैदान में अंदर जाने के लिए काफी उत्साहित थे। यही वजह रही कि मीडिया के प्रवेश के लिए बने गेट पर कई लोगों ने मीडियाकर्मियों के साथ प्रवेश की कोशिश की। इसके लिए कुछ लोग गेट पर बंधी रस्सी तोड़कर अंदर घुसने लगे। इस भगदड़ में कुछ लोग गिर भी गए। भगवा ध्वज और तिरंगा लेकर पहुंचे लोग नई दिल्ली की सड़कों पर भगवा झंडे और टोपी पहने लोग दिखाई दे रहे थे। इस दौरान कोई श्रीराम मंदिर का प्रतिमूर्ति लेकर पहुंचा था तो कोई हनुमान बनकर पहुंचा था। इसी बीच कई लोग ऐसे भी थे जो भगवा टोपी के साथ तिरंगा हाथों में लेकर जय श्री राम के नारे लगा रहे थे। रामलीला मैदान में आयोजित धर्म सभा में दिल्ली यातायात पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों ने मोर्चा संभाल रखा था। इसी मोर्चे में कंधे से कंधा मिलाकर पुलिस की मदद करते हुए भी कई स्वयंसेवक दिखाई दिए। भगवा पट्टें पहने यह स्वयंसेवक इंद्रप्रस्थ फ्लाईओवर से लेकर आइटीओ, राजघाट, दिल्ली गेट और रामलीला मैदान के आसपास के चौराहे पर यातायात संभाल रहे थे। इस बीच जब उत्साहित लोग सड़क पर जत्थे में चल रहे थे तो इन्हें किनारे करना पुलिस के लिए बड़ा कठिन था। ऐसे में इन स्वयंसेवकों ने लोकनायक और जीबी पंत अस्पताल में आने वाले एंबुलेंस को भी रास्ता दिया।