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रिपोर्ट: वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल तोड़ रहे नियम, TRAI से शिकायत

टेलीकॉम वाचडॉग ने ट्राई को लिखे पत्र में वोडाफोन-आइडिया कंपनियों की ओर से एक ही समय पर समान शुल्क लगाने पर चिंता व्यक्त की।

नई दिल्ली: स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) ”टेलीकॉम वॉचडॉग” ने बृहस्पतिवार को एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के नये न्यूनतम मासिक रिचार्ज प्लान पर सवाल उठाये और उन कंपनियों पर “उपभोक्ता-विरोधी गतिविधियों” में संलिप्त होने का आरोप लगाया। हालांकि, दूरसंचार कंपनियों ने जोर दिया कि उनके प्लान नियमों के अनुरूप हैं। टेलीकॉम वाचडॉग ने ट्राई को लिखे पत्र में दोनों कंपनियों की ओर से एक ही समय पर समान शुल्क लगाने पर चिंता व्यक्त की। उसने दावा किया कि उपयोगकर्ताओं को न्यूनतम मासिक शुल्क का भुगतान करने के लिये मजबूर करना मासिक किराये की मांग करने जैसा है, “इस प्रकार की गतिविधि प्री-पेड उपयोगकर्ताओं के लिये नहीं है।”

 

संस्था ने ट्राई से कहा, “हम आपके ध्यान में इस खतरनाक स्थिति को लाना चाहते हैं, जिसमें यह दोनों कंपनियां-भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया- एक बार फिर से उपभोक्ता विरोधी गतिविधियों में जुट गये हैं। नियामकीय सिद्धांतों की अनदेखी करते हुये उन्होंने ”विशेष टैरिफ प्लान” की वैधता खत्म होने के 15 दिनों के भीतर ग्राहकों की सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है।” एयरटेल के प्रवक्ता ने ई-मेल में कहा, “भारती एयरटेल के सभी टैरिफ प्लान नियमों के अनुरूप हैं।” प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस तरह के “तुच्छ आरोपों” पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहती हैं। वोडाफोन आइडिया के प्रवक्ता ने भी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

बता दें कि वोडाफोन आइडिया पिछले कुछ माह से घाटे में भी चल रही है। वोडाफोन-आइडिया को चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में कुल 4,973 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी ने विलय के बाद के अपने पहले वित्तीय नतीजों को जारी करते हुए यह जानकारी दी थी। वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में कहा कि ये नतीजे अगस्त और सितंबर के हैं, क्योंकि कंपनी का विलय अगस्त में पूरा हुआ था। वोडाफोन आइडिया में वोडाफोन की 45.2 फीसदी तथा आदित्य बिड़ला समूह की 26 फीसदी हिस्सेदारी है। वोडाफोन आइडिया के विलय के बाद भी दोनों कंपनियां अलग-अलग ब्रांड नाम से परिचालन कर रही हैं।

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