लखनऊ : राजधानी लखनऊ में अधिवक्ता की पीटकर हत्या कर दी गई. मृतक वकील की पहचान 32 वर्षीय शिशिर त्रिपाठी के तौर पर हुई है. बताया जा रहा है कि मंलगवार देर रात 5 लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया. वारदात के पीछे पुरानी रंजिश कारण माना जा रहा है. हमलावरों ने शिशिर पर ईंट, पत्थर और डंडों से वार किया. देर रात दामोदरनगर इलाके में हुई इस वारदात के बाद पुलिस ने मामले में एक आरोपी अधिवक्ता विनायक ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं 4 आरोपी फरार बताए जा रहे हैं. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी विनायक ठाकुर और एक अन्य नामजद वकील मोनू तिवारी मृतक के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी करते थे, लेकिन कुछ समय पहले किसी बात को लेकर तीनों के बीच अनबन हो गई. शिशिर मंगलवार को अपनी मोटरसाइकिल से घर की तरफ लौट रहा था और इसी दौरान दामोदर नगर चौराहे पर विनायक के साथ अन्य चार लोगों ने उसे रोक लिया. जानकारी के अनुसार पहले तो शिशिर, विनायक और अन्य आरोपियों के बीच काफी देर तक बहस होती रही. अचानक इस दौरान पांचों ने शिशिर पर हमला बोल दिया. उन्होंने ईंट, पत्थर और डंडों से उसे बेरहमी से पीटा. बाद में शिशिर ने दम तोड़ दिया. वारदात के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. वहीं चार अन्य फरार हो गए.
उधर, शिशिर त्रिपाठी के साथी वकीलों का आरोप है गांजा कारोबारियों के विरोध पर उसकी हत्या की गई है. उन्होंने हत्यारोपियों को पुलिस संरक्षण का भी आरोप लगाया है. पोस्टमार्टम हाउस के बाहर वकीलों ने की पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरएफ तैनात की गई है. मामले में वकीलों ने शिशिर के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने और कृष्णा नगर पुलिस को आरोपी बनाए जाने की मांग की है. परिजनों का आरोप है कि गांजा कारोबारियों के विरोध पर शिशिर की हत्या हुई थी. पुलिस को कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि मंगलवार रात 8 बजे भी इंस्पेक्टर कृष्णा नगर को शिशिर के दोस्तों ने फोन किया था.