फीचर्डराज्यराष्ट्रीय

लांसेट की नई रिपोर्ट में खुलासा: बच्चों के लिए घातक हो सकती है कोविड-19 की तीसरी लहर

नई दिल्‍ली : कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की धीमी पड़ती रफ्तार के बीच चिंता तीसरी लहर को लेकर पैदा हो गई है, जिसके बारे में केंद्र सरकार भी चेता चुकी है। कोविड-19 की तीसरी लहर सितंबर-अक्‍टूबर तक आने की बात कही जा रही है। इस बीच कई रिपोर्टस आए हैं, जिनमें कहा गया है कि इसका सर्वाधिक असर बच्‍चों पर हो सकता है। इस पर अब लांसेट की नई रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि ऐसा कोई ठोस साक्ष्‍य नहीं है, जिसके आधार पर कहा जा सके कि कोविड-19 की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर बच्‍चों पर ही होगा।

लांसेट की यह रिपोर्ट बच्‍चों में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देश के अग्रणी बाल रोग विशेषज्ञों के साथ सलाह-मशविरे से तैयार की गई है, जिसमें कहा गया है, ‘कोविड-19 से संक्रमित अधिकतर बच्‍चों में इस बीमारी के लक्षण नहीं देखे गए हैं। जिनमें लक्षण दिखे हैं, उनमें हल्‍का संक्रमण देखा गया है। वयस्‍कों की तुलना में अधिकतर बच्‍चों में श्‍वसन संबंधी समस्‍या और डायर‍िया, उल्‍टी और पेट दर्द जैसे लक्षण देखे गए हैं।’ इसमें यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण अधिकतर बड़ी उम्र के बच्‍चों में ही देखे गए हैं।

रिपोर्ट में कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान बच्‍चों को लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तर का कोई अलग डेटाबेस नहीं होने का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसमें तमिलनाडु, केरल, महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली-एनसीआर के सरकारी व निजी क्षेत्र 10 अस्‍पतालों में कोविड-19 के कारण भर्ती हुए 10 साल से कम उम्र के 2,600 बच्‍चों के बारे में जानकारी जुटाई गई और उनका विश्‍लेषण किया गया। अस्‍पतालों में भर्ती 10 साल से कम उम्र के इन बच्‍चों में मृत्‍यु दर 2.4 रही, जबकि जिन बच्‍चों ने इस बीमारी से जान गंवाई, उनमें करीब 40 फीसदी अन्‍य बीमारियों से भी ग्रस्‍त थे।

उपलब्‍ध आंकड़ों के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके ठोस साक्ष्‍य नजर नहीं आते, जो यह बताता हो कि कोविड-19 की जिस तीसर लहर को लेकर आशंका जताई जा रही है, उसमें बच्‍चे सर्वाधिक प्रभावित होंगे और उन पर इसका गंभीर असर पड़ेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के कारण 5 प्रतिशत से भी कम बच्‍चों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत पड़ सकती है और उनमें मृत्यु दर 2 फीसदी तक हो सकती है। रिपोर्ट में वैक्‍सीनेशन पर जोर देते हुए इसे वयस्‍कों के साथ-साथ बच्‍चों की सुरक्षा में भी अहम बताया गया है।

Related Articles

Back to top button