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लिव-इन में रहते हैं लड़का-लड़की, पहले होती है संतान और फिर शादी

Live-in-relationships-are-the-4एजेन्सी/हमारे समाज में लिव इन रिलेशनशिप में रहने की प्रथा अभी भी स्वी कार नहीं की जाती है लेकिन राजस्थान में उदयपुर से थोड़ी दूर बसी है एक जनजाति ‘गरासिया’ के लोगों लोग पिछले एक हजार साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते हैं.
गरासिया, राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में रहते हैं. राजस्थान के पाली, उदयपुर और सिरोही जिले के कुछ गांवों में इनके परिवार बसे हैं. इस जनजाति के युवक-युवती लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने के बाद ही शादी करते हैं और इस दौरान इनकी संतानें भी हो जाती है. कभी-कभार तो इनके बच्चे इनकी शादी करवाते हैं. इस गरासिया ट्राइब में कई पीढ़ियों से कुछ परिवारों में कोई शादी नहीं हुई. धारणा ये है कि इनके परिवारों में किसी ने बच्चा पैसा करने से पहले शादी की तो बाद में संतानें नहीं होंगी.
आखिर गरासिया ट्राइब के लोग किस वजह से करते हैं ऐसा… 

कहा जाता है कि सालों पहले गरासिया समाज के चार भाई कहीं जाकर बस गए थे. इन चार में से तीन भाइयों ने शादी कर ली थी और एक बिना शादी के एक युवती के साथ रहने लगा था. शादी के बाद तीन भाइयों की कोई संतान नहीं हुई. वहीं चौथे भाई की संतान की वजह से वंश आगे बढ़ा. इसके बाद से इस समाज ने बिना शादी (लिव-इन) के रहने साथ रहने के रिवाज को अपना लिया.

राजस्थान और गुजरात में इस समाज का दो दिन का ‘विवाह मेला’ लगता है, जिसमें युवक-युवती एक दूसरे से मिलते हैं और भाग जाते हैं.

इसके बाद दोनों बिना शादी के पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगते हैं.

अगर उनकी संतान हो जाती है तो वह शादी कर सकते हैं अगर उनकी सहूलियत है.

कई बार तो लिव-इन में रहते-रहते ये बुजुर्ग हो जाते है और इनके बच्चे उनकी शादी करवाते हैं.

इतना ही नहीं दूल्हे के घरवाले शादी का खर्चा उठाते हैं और शादी भी दूल्हे के ही घर में होती है.

इसके अलावा गरासिया समाज के पंचायत की ‘दापा प्रथा’ यानी लड़का-लड़की के सहमत होने पर लड़की पक्ष को सामाजिक सहमति से कुछ पैसे दे दिए जाते हैं.

 

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