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वाराणसी गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर संतों को पुलिस ने जमकर पीटा

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
2015_9image_13_13_589855833tt-llवाराणसी: इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगाए जाने के बावजूद विभिन्न धार्मिक संगठनों ने उसी में मूर्ति विसर्जन को लेकर अड़ गए। मंगलवार को गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर अड़े लोगों और पुलिस प्रसाशन के बीच जमकर बवाल हुआ। आधी रात के बाद पुलिस ने धारा 144 लगा दी और संतों पर जमकर लाठीचार्ज किया। इसमें दर्जनभर से अधिक संत और आम लोग घायल हुए। प्रशासन की रोक के विरोध में गणेश पूजा समिति, संत समाज, हिंदू युवा वाहिनी ने बनारस बंद का आह्वान किया था। सुबह दुकानों को बंद कराना शुरू कर दिया। इसे लेकर गोदौलिया और गिरजाघर के पास पुलिस से उनकी जमकर नोकझोंक भी हुई। तनाव को देखते हुए वहां कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी भी तैनात की गई थी। वहीं, शंकराचार्य के प्रतिनिधि बनकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी वहां पहुंचे और उन्होंने भी कमेटी को समर्थन दिया। काशी मराठा गणेश उत्सव समिति सोमवार की शाम 6 बजे गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए दशाश्वमेध घाट जा रही थी। गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन ने गोदौलिया चौराहे के पास ही मूर्ति को रोक दिया। पुलिस के रोकते ही समिति से जुड़े सैकड़ों लोग और अन्य नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। भीड़ को देखते हुए मेयर राम गोपाल मोहले, एसपी सिटी समेत कई थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गई।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने रोक लगाने के साथ ही यह भी आदेश दिया था कि सरकार मूर्तियों के विसर्जन के लिए कोई दूसरा सिस्टम बनाए। इसी को लेकर विवाद चल रहा है। धार्मिक संगठन गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर अड़े हैं।

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