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वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर, चंदौली, मिर्जापुर, बलिया और गाजीपुर के गांवों में घुसा पानी

वाराणसी: पूर्वाँचल में गंगा उफान पर है। वाराणसी में 41 गांवों और 17 मोहल्लों बाढ़ का पानी घुस गया है। काशी में गंगा का जलस्तर 1.4 सेंमी प्रति घंटा की औसत दर से लगातार बढ़ रहा है। आशंका है कि इस बार 2013 जैसे बाढ़ के हालात होंगे। वहीं उधर पूर्वांचल के मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा का पानी सैकड़ों गांवों में घुस गई है। बलिया-गाजीपुर मार्ग समेत कई अहम रास्तों पर बाढ़ के कारण आवागमन बंद हो गया है। वहीं घाघरा नदी भी आजमगढ़, मऊ और बलिया में ऊफान पर है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर भी बढ़ाव पर है। काशी में गंगा धीरे-धीरे रौद्र रूप धारण करती जा रही हैं। धीमी गति से मानव बस्तियों की ओर बाढ़ के फैलाव का क्रम जारी है। गंगा के चलते वरुणा का वेग भी बेलगाम होता दिख रहा है।

दोनों नदियों के तटवर्ती दर्जनों मोहल्लों और गांवों में हाहाकारी स्थिति बनती जा रही है। मंगलवार सुबह गंगा का जलस्तर 71.74 मीटर था जो अगले दस घंटों में 14 सेमी बढ़ाव के साथ 71.88 मीटर पहुंच गया था। गंगा में बढ़ाव की औसत दर 1.4 सेमी प्रति घंटा है। सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक बढ़ाव की गति एक सेमी प्रति घंटा थी लेकिन शाम पांच बजे के बाद पुन: दो सेमी प्रति घंटा की दर से बढ़ाव जारी है। जिले में बाढ़ से 41 गांव व शहर के 17 मोहल्ले घिर गये हैं। इनमें रहने वाले 30 हजार 921 लोग प्रभावित हुए हैं। बलिया में दोपहर बाद दो बजे नदी का जलस्तर 59.730 मीटर दर्ज किया गया। गंगा का जलस्तर हाई लेवल 60.390 मीटर से थोड़ा ही नीचे हैं। वहीं मिर्जापुर सदर और चुनार के दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं।

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