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विधानसभा चुनाव में यादव-मुस्लिम वोट के बिखराव पर सभी की नजरें

biharनई दिल्ली: बिहार में जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव में कांटे के मुकाबले का सामना कर रही भाजपा नीत राजग मुस्लिम-यादव मतों के विभाजन पर नजरें लगाए हुए है। साथ ही वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के एजेंडे और युवाओं में उनकी लोकप्रियता को भी तवज्जो दे रही है।राजग के घटक लोजपा के प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को विश्वास है कि बिहार की राजनीति में बदलाव का समय आ गया है और बिहार में आगामी चुनाव में नीतीश और अरविंद केजरीवाल के प्रभाव को नकार दिया जाएगा। पासवान ने पीटीआई भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘बिहार के मुख्यमंत्री राज्य मेंं राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ गठजोड़ करने के दाग को धोने का प्रयास कर रहे हैं जबकि आप के नेता की युवा अपील दिल्ली से आगे नहीं है।’ पासवान ने इस बात को खारिज कर दिया कि भाजपा नीत राजग का मुस्लिम-यादव वोट बैंक में कम आधार है।केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि एमआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी राजग की शह पर बिहार चुनाव में उतर रहे हैं। साथ ही कहा कि हैदराबाद के सांसद निश्चित रूप से मुस्लिम वोटों को प्रभावित करेंगे और प्रतिद्वन्द्वी महागठबंधन के घटकों के लिए मुस्लिम-यादव वोट को बनाए रखना उन्होंने कहा, ‘लालू और नीतीश ने अब तक बिहार में मुसलमानों का इस्तेमाल केवल वोट बैंक के तौर पर किया है। पासवान ने कहा, ‘एम-वाई संयोजन इस बार टूट रहा है। यादव पूरी तरह से लालू की पार्टी को वोट नहीं देंगे। भाजपा में भी रामकृपाल यादव, नंदर किशोर यादव जैसे यादव नेता हैं। यादवों के कई नेता हैं और भाजपा को इनका काफी वोट मिलेगा। यह पूछे जाने पर कि विपक्ष का आरोप है कि भाजपा मुस्लिम मतों को बांटने के लिए ओवैसी को आगे कर रही है, पासवान ने पलट कर कहा, ‘यह बकवास है। भाजपा और राजग ही सबसे अधिक ओवैसी के निशाने पर रही है।’दिल्ली में रहने वाले बिहार के प्रवासियों तक पहुंचने की नीतीश की कोशिशों की आलोचना करते हुए पासवान ने कहा कि ये लोग क्यों इनका समर्थन करेंगे जबकि नीतीश और लालू के 25 वर्षों के शासन के दौरान गलत नीतियों के कारण इन्हें बिहार छोडऩा पड़ा। उन्होंने कहा, ‘जब बिहार में रहने वाले लोग इनके गठबंधन को वोट नहीं दे रहे हैं तब वहां रहने वाले बिहारी क्यों वोट देंगे।’लोजपा प्रमुख ने कहा कि बिहार के युवा रोजगार की वाट जोह रहे हैं और युवाओं में मोदी का काफी प्रभाव है जिसका केजरीवाल के अभियान का कोई असर नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ गठबंधन को बिहार में आसन्न चुनाव में पिछड़े वर्गों का बहुत बड़ा हिस्सा मिलने की उम्मीद है जो इस बात से भी स्पष्ट होती है कि प्रधानमंत्री के अति पिछड़ा वर्ग से आने की बात को रखा जा रहा है। पासवान ने कहा कि सवर्ण नीतीश कुमार को देखना नहीं चाहते हैं और अति पिछड़ा वर्ग लालू प्रसाद को पसंद नहीं करता है।

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