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विवादों में घिरा रहा है डेरा, अदालतों में चल रहे आधा दर्जन मामले

चंडीगढ़ : हरियाणा और पंजाब समेत विभिन्न राज्यों में डेरा सच्चा सौदा का जितना प्रभाव है, उतना ही डेरा विवादों से भी घिरा रहा है। डेरा प्रमुख और उनके प्रमुख अनुयायियों के खिलाफ अदालत और पुलिस थानों में करीब आधा दर्जन बड़े मामले चल रहे हैैं। इसके बावजूद डेरा अनुयायियों की श्रद्धा कभी डेरा प्रमुख के प्रति प्रभावित होती दिखाई नहीं दी है।

उत्तर भारत में डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह बड़ी ताकत हैं। 29 अप्रैल 1948 को तत्कालीन पंजाब के सिरसा में बलोचिस्तीनी साधू शाह मत्तन जी ने डेरा डाला, जो बाद में मस्ताना बाबा के नाम से जाने गए। उन्हीं ने अपने डेरे को सच्चा-सौदा का नाम दिया। उनका सूफी फकीर जैसा स्वाभाव था। नतीजतन लाखों लोग उनसे जुड़ते चले गए। मृत्यु उपरांत 1960 में सतनाम सिंह डेरा प्रमुख बने। 13 सितंबर 1990 में गुरमीत सिंह (वर्तमान डेरा प्रमुख) ने गद्दी संभाली।

शाह सतनाम सिंह मस्ताना की विरासत को गुरमीत राम रहीम सिंह ने अपने कार्यकाल में कई गुना बढ़ा दिया। उन्होंने सर्वधर्म के प्रतीक के रूप में अपने नाम के साथ राम, रहीम, सिंह जोड़ा। पिछले दिनों डेरा प्रमुख ने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का वेष धारण किया तो सिखों का गुस्सा फूट पड़ा। फलस्वरूप पंजाब में कई दिनों तक सांप्रदायिक तनाव बना रहा।

हाईकोर्ट ने लिया था साध्वी के पत्र पर संज्ञान

पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में डेरा प्रमुख पर साध्वी यौन शोषण समेत दो हत्या के केस चल रहे। एक गुमनाम पत्र के जरिये साध्वी ने डेरा प्रमुख पर यौन शोषण सहित कई संगीन आरोप लगाए। हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 में सीबीआई जांच के आदेश दिए। सीबीआई ने 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया। डेरा प्रमुख को अदालत से जमानत तो मिल गई, लेकिन केस सीबीआई अदालत में चल रहा, जिसका फैसला अब 25 अगस्त को आना है।डेरे से जुड़े इन विवादों ने भी पाई राष्ट्रीय सुर्खियां

– 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक के संपादक रामचंद्र छत्रपति पर कातिलाना हमले का आरोप। छत्रपति को घर से बुलाकर पांच गोलियां मारी गई। साध्वी से यौन शोषण और रणजीत की हत्या पर खबर प्रकाशित करने के कारण हमला हुआ। 21 नवंबर 2002 को छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मौत। 
– 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले की भी चल रही सीबीआई जांच। साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर उनके अंडकोष काटकर नपुंसक बनाए जाने का आरोप है। सीबीआई इस मामले की सात से ज्यादा सील बंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर चुकी है। हंसराज चौहान की याचिका पर केस दर्ज हुआ। 
– डेरे के पूर्व मेनेजर फकीर चंद 1991 में गायब हो गए थे। हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि फकीर चंद को डेरा प्रमुख ने गायब कराया। यह मामला भी सीबीआई के पास जांच के लिए आया।
– पंजाब पुलिस ने डेरा प्रमुख के खिलाफ धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में बठिंडा में मामला दर्ज किया। खालसा दीवान और श्रीगुरु सभा बठिंडा के अध्यक्ष राजिंदर सिंह सिद्धू की शिकायत पर केस दर्ज हुआ। 
– मिलिट्री इंटेलीजेंस की रिपोर्ट पर हाई कोर्ट ने लिया था संज्ञान। आरोप था कि पूर्व सैनिक डेरे में अनुयायियों को सैनिक ट्रेनिंग दी जा रही है।

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