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विश्व ह्रदय रोग दिवस: हर साल 50 लाख लोगों को हार्ट अटैक

worldheartday-29-09-2016-1475125235_storyimageदेश में ह्रदय की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 50 लाख लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। इनमें से 15 फीसदी लोगों की हार्ट अटैक होते ही मौत हो रही है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। वहीं 15 फीसदी लोगों की मौत पहले अटैक में हो रही है।

विश्व ह्दय रोग दिवस के मौके पर ‘हिन्दुस्तान’ ने ह्रदय रोग के इलाज में आने वाले बदलावों को लेकर विशेषज्ञों से बातचीत की।

गरीबों के लिए बैलून वाल्वोप्लास्टी वरदान: हार्ट में चार वाल्व में से अगर एक वाल्व भी सिकुड़ जाता है तो उसे बदलना पड़ता है, मगर गरीबों के लिए वैलून वाल्वोप्लास्टी वरदान है। इससे कम खर्च में बैलून के जरिए वाल्व को बिना सर्जरी के फुलाया जाता है। इससे 10-12 साल तक वाल्व चलता है।

हार्ट में अब लीड लैस पेसमेकर: कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजकुमार गुप्ता बताते हैं कि अब लीड लैस पेसमेकर भी आ गए हैं। नई तकनीक के तहत पांच मिनट के अंदर इने मेजर कट लगाकर हार्ट में लगा सकते हैं। इससे तार की दिक्कत नहीं होती। पेसमेकर इनवर्टर की तहत दिल की धड़कनों को बनाए रखने का काम करता है।

ह्रदय रोग के कारण

– आनुवांशिकता
– मानसिक तनाव
– धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन
– मधुमेह व उच्च रक्त चाप
– मोटापा
– अनियमितव अस्वस्थ खान-पान

 
 
 

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