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वेस्टइंडीज दौरे के बाद भी टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे विराट कोहली

मुम्बई : टीम इंडिया के चयन के लिए वेस्टइंडीज दौरे के लिए जब चयनकर्ता बैठक करेंगे तो ‘स्प्लिट कैप्टंसी’ के मसले पर चर्चा हो सकती है। हालांकि, विराट कोहली इस दौरे पर और उसके बाद भी टीम इंडिया के कप्तान रहेंगे। पहले चर्चा थी कि विराट के बजाय वनडे और टी20 में रोहित शर्मा कप्तान बनाए जा सकते हैं लेकिन फिलहाल इस तरह की कोई योजना नहीं है। विराट कोहली क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में दुनिया के बेहतरीन बैट्समैन माने जाते हैं। वह अगले महीने से शुरू होने वाले वेस्ट इंडीज दौरे के दौरान वनडे इंटरनैशनल, टी 20 और टेस्ट मैच में भारत का नेतृत्व करेंगे। जानकारों के मुताबिक, रविवार को होने वाली सिलेक्शन कमिटी की मीटिंग में इन सभी मामलों पर चर्चा होगी। भारत के पास साल 2016 में टेस्ट और वनडे के लिए अलग-अलग कप्तान रहे हैं। उस समय महेंद्र सिंह धोनी एकदिवसीय मैच और विराट कोहली टेस्ट मैचों की कप्तानी करते थे। इससे पहले नवंबर 2007 से अक्टूबर 2008 तक अनिल कुंबले टेस्ट कैप्टन और धोनी टी20 और वनडे के कप्तान रहे। हालांकि भारत में ‘स्प्लिट कैंप्टंसी’ बहुत ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई। भारतीय क्रिकेट टीम का वेस्ट इंडीज दौरा अगले महीने 3 अगस्त से शुरू होने वाला है। इस दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन शुक्रवार को होना तय किया गया था लेकिन उसे टाल दिया गया। भारतीय क्रिकेट के गलियारों में गुरुवार का दिन काफी हलचल वाला रहा। बीसीसीआई के सचिव अमिताभ चौधरी एक कोर्ट केस की वजह से रांची से वापस नहीं आ पाए और सिलेक्टर्स की मीटिंग की टालना पड़ा।

एमएसके प्रसाद जो चयन समिति के प्रमुख हैं, अब मुंबई में बैठक की अध्यक्षता करेंगे और रविवार को भी बैठक का संयोजन करेंगे। सीओए की ओर से जारी नए निर्देशों के अनुसार, चयनसमिति की बैठक बुलाने का अधिकार सचिव को नहीं बल्कि चयन पैनल के अध्यक्ष को होगा। मीटिंग टलने के बाद अब सिलेक्टर्स भी सभी खिलाड़ियों की फिटनेस रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को सीरीज से ब्रेक दिया जाएगा जबकि पेसर जसप्रीत बुमराह वनडे और टेस्ट से ब्रेक लेंगे और टेस्ट सीरीज में वापसी करेंगे। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को निर्देश दिया कि अब बीसीसीआई सचिव नहीं बल्कि चयन समिति के अध्यक्ष चयन संबंधी बैठकों के समन्वयक होंगे। इतना ही नहीं, चौधरी के कानूनी पचड़ों की वजह से सीओए ने एक कदम आगे बढ़कर यह भी निर्देश दिया है कि अब से बोर्ड सचिव को किसी भी चयन बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और टीम में किसी भी बदलाव के लिए उनकी स्वीकृति लेना जरूरी नहीं होगा। इस बीच टीम इंडिया को पूरा यकीन है कि वह अपनी बाकी सीरीज और टूर्नमेंट की तरह वेस्ट इंडीज दौरे के दौरान भी अपनी पूरी एनर्जी और कमिटमेंट के साथ खेलेगी। सूत्रों ने कहा, ‘पिछले साल हम साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेले। इससे पहले हम श्री लंका के साथ खेले। अब हम वेस्ट इंडीज के साथ खेलेंगे। इसके बाद न्यू जीलैंड का दौरा भी होगा। 24 महीनों में हम हर टेस्ट टीम के खिलाफ खेलेंगे। इसे हम एक चुनौती के तौर पर देख रहे हैं और हमें अपनी तीव्रता में कोई कमी नहीं आने देनी है।’ वेस्ट इंडीज का दौरा आईसीसी के टेस्ट चैम्पियनशिप की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है, जोकि एशेज में अगले महीने इंग्लैंड में शुरू होने वाला है और किसी भी टीम द्वारा इन दौरों को हल्के में लेने की उम्मीद नहीं है।

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