टॉप न्यूज़दिल्लीफीचर्डब्रेकिंगराष्ट्रीय

शर्मनाक : राष्ट्रीय राजधानी में भूख से तीन बच्चियों की मौत


दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन बच्चियों की मौत भूख से तड़प तड़पकर हुई थी। मंगलवार को मंडावली में मृत मिली इन बच्चियों के पोस्टमार्टम के बाद लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डॉक्टरों ने देश को शर्मसार करने वाला यह खुलासा किया। पोस्टमार्टम में बच्चियों शिखा (8), मानसी (4), पारुल (2) के पेट में खाने का एक भी अंश नहीं मिला। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें कई दिनों से खाना नहीं मिला था। दिल्ली सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। भूख से मौत की बात सामने आने पर पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से दोबारा पोस्टमार्टम कराने का फैसला किया। देर रात जीटीबी अस्पताल में बच्चियाें का फिर से पोस्टमार्टम कराया गया। इसकी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को आ सकती है। पुलिस के मुताबिक बच्चियों का पिता मंगल ए-83, गली नंबर-14, साकेत ब्लॉक, मंडावली में रहता था। वह मकान मालिक मुकुल मेहरा का रिक्शा चलाता था लेकिन कुछ दिनों पहले असामाजिक तत्वों ने नशीला पदार्थ सुंघाकर रिक्शा लूट लिया। इससे वह कमरे का किराया भी नहीं दे पा रहा था। मंगल की पत्नी वीणा ने पुलिस को बताया कि शनिवार को मकान मालिक ने उसे कमरे से भी निकाल दिया। इसके बाद मंगल पत्नी व तीन बच्चियों को लेकर पंडित चौक स्थित अपने दोस्त नारायण के कमरे पर आ गया।

रुपये न होने के कारण उन्हें खाना नहीं मिला। इससे बच्चियां बीमार हो गईं। वीणा ने उन्हें दवाइयां भी दी थीं। रविवार को पड़ोसियों को पता चला तो उन्होंने बच्चियों को खाना दिया, लेकिन वे बीमारी के कारण खाना खा नहीं पाईं। दोपहर के समय बच्चियां बेहोश हो गईं तो वीणा तीनों को लेकर एलबीएस अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि बच्चियों का पिता मंगल काम की तलाश में जाने की बात कहकर मंगलवार सुबह घर से निकला था। फिर लौटा नहीं। उससे पूछताछ के बाद ही पता चल पाएगा कि क्या वाकई उसे घर से निकाला गया था या नहीं। पुलिस को बच्चियों की मां मानसिक रूप से कमजोर लग रही है, उसने पुलिस को बताया कि उसने बच्चियों को दवा दी थी। पुलिस ने कमरे से कुछ दवाइयों को कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए एफएसएल लैब भेज दिया है। वहीँ आम आदमी पार्टी के नेता सौरव भारद्वाज ने घटना को दुखद बताया और कहा कि कमेटी बनाकर इसकी जांच करवाई जाएगी। यह घटना शर्मसार करने वाली है। संसद से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ऐसा हुआ है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। हर जिले में बाल सुरक्षा समिति होती है जो बच्चों की पढ़ाई, पोषण और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखती है। वो क्या कर रही है।

उधर, 12 अक्टूबर 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भूख एक गंभीर समस्या है और 119 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक में भारत 100वें पायदान पर है। दुनिया की भूख से पीड़ित 25 प्रतिशत आबादी अपने देश में रहती है। 19 करोड़ लोग कुपोषित हैं। बाल कुपोषण से स्थिति और बिगड़ी है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 40 प्रतिशत खाना बर्बाद होता है। यह खाना करीब 50 हजार करोड़ रुपये का है। भारत उत्तर कोरिया और बांग्लादेश जैसे देशों से पीछे है लेकिन पाकिस्तान से आगे है ।

Related Articles

Back to top button