दस्तक टाइम्स एजेन्सी/
आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए उत्तराखंड के वीर सपूत शहीद मोहन नाथ गोस्वामी को राष्ट्रपति ने राजपथ पर अशोक चक्र सम्मान से नवाजा। शहीद की पत्नी ने राष्ट्रपति से सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ग्रहण किया। 26 जनवरी को शांतिकाल में सैन्य अभियान के दौरान वीरता के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला अशोक चक्र उत्तराखंड के सपूत लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी को मरणोपरांत दिया गया। इसके साथ ही दो वीर सपूतों सहित गढ़वाल और कुमाऊं रेजीमेंट के कई सैनिकों को राष्ट्रपति वीरता पदकों से अलंकृत किया जाएगा।
इस बार अशोक चक्र से सम्मानित होने वाले शहीद लांस नायक मोहन एकमात्र सैनिक हैं। दून के शहीद सिपाही शिशर मल्ल को सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा।
हल्द्वानी निवासी नौ पैरा के लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी दो सिंतबर-2015 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जनपद के हापुरुड़ा के जंगल में गश्त कर रही सेना की टुकड़ी का हिस्सा थे। चार आतंकवादियों ने उनकी टुकड़ी पर हमला कर दिया।
लांस नायक मोहन के तीन साथी अचानक आई गोलीबारी में घायल हो गए। मोहन ने पहले एक आतंकी को निशाना बनाया और घायल साथियों को पेड़ की आड़ में ले गए। इस बीच उनके एक टांग पर गोली लग गई। लेकिन वह हार नहीं माने और अपने साथियों को सुरक्षित कर दोबारा फायर खोला, जिसमें एक आतंकी और मारा गया।
तीसरे आतंकी ने उनपर गोली चलाई, जो उनके पेट में जा लगी। साथी टुकड़ी ने इस बीच तीसरे आतंकी को मार गिया। लेकिन गंभीर रूप से घायल मोहन रुके नहीं।
उन्होंने चौथे आतंकी तक पहुंच कर उसे प्वाइंट ब्लैंक से शूट किया। उनके इस अदम्य साहस और सर्वोच्च कुर्बानी के लिए उन्हें सर्वोच्च सैन्य पदक अशोक चक्र से सम्मानित किया।
उत्तरी कश्मीर के बारामुला (रफियाबाद) सेक्टर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए राइफलमैन शिशिर मल्ल को उनके अदम्य साहस के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया है। शिशिर देहरादून के चंद्रबनी के रहने वाले थे। 3/9 गोरखा राइफल्स के सैनिक शिशर डेढ़ वर्ष से 32 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे।
कुमाऊं रेजिमेंट के पदक धारक
शौर्य चक्र – नायक खीम सिंह मेहरा (21 कुमाऊं) और लेफ्टिनेंट हरजिंदर सिंह ( 3 कुमाऊं)
सेना मेडल – हवलदार दीवान सिंह ( 3 कुमाऊं)
सेना मेडल (उल्लेखनीय सेवाएं) – ब्रिगेडियर विरेश प्रताप सिंह
गढ़वाल रेजिमेंट के पदक धारक
सेना मेडल (उल्लेखनीय सेवाएं) – ब्रिगेडियर शांतनु दयाल, कर्नल गोविंद प्रवीण, कर्नल गिरिधर डोंडीराम कोले।