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शाहीन बाग मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, सड़क रोके रखना ठीक नहीं

नई दिल्ली : सीएए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीनबाग में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस वजह से दो महीनों से ज्यादा वक्त से सड़क बंद है, इस वजह से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शाहीनबाग का रास्ता खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं हैं जिस पर शीर्ष कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि हम नहीं कहते कि लोगों को विरोध का अधिकार नहीं है लेकिन सड़क रोके रखना ठीक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सरकार लोगों को इसे लेकर समझाए। हर कोई सड़क रोकने लगे ऐसा कैसे जारी रखने दिया जाएगा। गौरतलब है कि याचिकाओं में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए केंद्र सरकार और संबंधित जिम्मेदारों को निर्देश दिए जाने की मांग भी की गई है। 10 फरवरी को भी इन याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी जिसके बाद कोर्ट ने सरकार और पुलिस को प्रदर्शन को लेकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

सीएए के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली में प्रदर्शन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं एवं बच्चे इस प्रदर्शन में शामिल हैं। इससे आम जनता को भी भारी परेशानी उठाना पड़ रही है। इसके चलते नंद किशोर गर्ग और अमित साहनी की दायर याचिकाओं में उनके वकील शशांक देव सुधि ने पिछले हफ्ते केंद्र और अन्य को दिशा-निर्देश देने की अपील की थी। ताकि कालिंदी कुंज के पास स्थित शाहीन बाग को खाली कराया जा सके। याचिका में यह भी कहा गया था कि शाहीन बाग में लोग अवैध तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। वह संसद में पारित कानून का विरोध करते हुए दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले रास्ते को बंधक बनाकर बैठे हैं। दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने मैदान पकड़ा है, हालांकि मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि इस कानून में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा।

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