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शिप्रा का संरक्षण और संवर्धन करने के लिए राज्य सरकार 5 वर्ष में 150 करोड़ रूपए खर्च कर सकती है

ujjain-shipra_56cdbf8f8b318एजेंसी/ उज्जैन : सिंहस्थ 2016 के दौरान उज्जैन में बहने वाली शिप्रा नदी का नज़ारा मनोरम दिखाई दे रहा था। यही नहीं शिप्रा का संरक्षण और संवर्धन करने के ही साथ नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए राज्य सरकार 5 वर्ष में 150 करोड़ रूपए खर्च कर सकती है। दरअसल शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर पौधारोपण किया जाएगा। इस बारिश के सीजन से ही शिप्रा नदी के दोनों ही मुहानों पर वन विभाग करीब 74.1 करोड़ रूपए की लागत से पौधे रोपेंगे। उदयन मार्ग स्थित मुख्यवन संरक्षक कार्यालय में आयोजित किए गए कार्यक्रम में विभाग के अधिकारियों द्वारा मंथन किया गया।

इस तरह की योजना को राज्य सरकार के पास भेजा गया। दरअसल इस योजा से देवास, उज्जैन, इंदौर के गांव लाभान्वित होंगे। बीएस अन्नीगेरी द्वारा कहा गया कि शिप्रा किनारे किसानों की निजी जमीन को भी इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा। स्थिति यह है कि नदी के दोनों ही किनारों पर 10 मीटर के दायरे में घास व बांस के पौधे रोपे जा सकते हैं। यही नहीं 40 मीटर क्षेत्र में फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा।

इस मामले में मुख्य वन संरक्षक बीएस अन्नगेरी ने यह भी कहा कि द्वितीय चरण में महिदपुर से आगे चंबल में पौधारोपण की बात भी कही गई। एक और चरण में इस वर्ष वन विभाग 78 करोड़ रूपए की कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजे जाने को लेकर चर्चा की गई। किसानों को सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।

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