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शिमला में चल रहा ट्यूशन का अवैध धंधा, ऐंठे जा रहे लाखों

teacher-shimla-5640be45ae582_exlदस्तक टाइम्स एजेन्सी/शिमला में छात्रों से ट्यूशन के नाम पर हर महीने लाखों ऐंठे जाते हैं। इस खेल के पीछे मोटी कमाई करने वाले कुछ निजी स्कूलों के अध्यापक शामिल है। इनमें से कुछ टीचर ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल के पास ही अपने की स्कूल के छात्रों को टयूशन पढ़ा रहे हैं और कुछ ने तो बाकायदा ट्यूशन केंद्र भी खोले हैं।

टीचरों के इस खेल के बीच छात्रों के अभिभावक बुरी तरह से पिस कर रह गए हैं। एक तो निजी स्कूलों की फीस और दूसरे खर्चे उनके बजट को हिलाने के लिए काफी रहता है उस पर स्कूल से टीचर का यह फरमान कि आप का बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, इसे ट्यूशन के लिए भेज दो। ऐसे में अभिभावक की स्थिति और भी ज्यादा दयनीय हो जाती है।

अगर बच्चे को ट्यूशन को न भेजे तो उसे कहीं टीचर खुन्नस में फेल न कर दें यह डर सताता है। हालांकि इस दौरान अभिभावक कई बार बात उठा चुके हैं कि जब स्कूल को वह पहले ही भारी भरकम फीस दे रहे हैं तो बच्चे को स्कूल में ही पढ़ाए अलग से ट्यूशन का मतलब टीचर को पैसे की चाहत है। यह भी एक तरह का भ्रष्टाचार है।

कुछ अभिभावकों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की और इसकी रिपोर्ट सोमवार को राज्य सरकार को सौंप दी। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि स्कूलों को मान्यता देने वाले शिक्षा बोर्ड के उप नियम निजी ट्यूशन पढ़ाने की स्वीकृति नहीं देते हैं। कमेटी द्वारा जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ निजी स्कूलों के अध्यापक, स्कूल के ही पास के स्थान पर अपने ही स्कूल के छात्रों को ट्यूशन पढ़ा रहे हैं और कुछ ने ट्यूशन केंद्र भी खोल लिए हैं।

वहीं सोमवार को निजी स्कूल अध्यापकों द्वारा छात्रों को ट्यूशन पढ़ाने की शिकायतों को लेकर जिला प्रशासन शिमला की गठित जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) को सौंप दी है। डीसी दिनेश मल्होत्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन शिमला को निजी स्कूलों के अध्यापकों द्वारा ट्यूशन केंद्रों में ट्यूशन पढ़ाने की शिकायतें प्राप्त हुई थी।

प्रशासन द्वारा इन शिकायतों की जांच के लिए अतिरिक्त उपायुक्त शिमला यूनुस की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी द्वारा विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जांच की गई। कमेटी द्वारा कई स्थानों पर औचक निरीक्षण और कई स्कूलों के मुख्याध्यापकों के बयान दर्ज किए। कमेटी ने जांच प्रक्रिया पूर्ण कर यह रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) को सौंप दी है।

 
 
 

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