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शिवाजी के स्मरण से होता है ऊर्जा का संचरण- राज्यपाल

लखनऊ विश्वविद्यालय में हिन्दवी स्वराज्य दिवस समारोह का आयोजन
लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में आज कर्मचारी सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा परिषद द्वारा ‘हिन्दवी स्वराज्य दिवस समारोह’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, राज्यमंत्री श्रीमती अनुपमा जायसवाल, सांसद एवं उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, तिब्बत से आये धर्मगुरू आचार्य ये0शी0 फुंशुक सहित अन्य शिक्षकगण, मराठी समाज के पदाधिकारी एवं विशिष्ट नागरिक जन उपस्थित थे। राज्यपाल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि शिवाजी आदर्श सेनानी, कुशल रणनीतिकार तथा स्वयं नेतृत्व करने की क्षमता रखने वाले राजा थे। शूरवीरों में शिवाजी का पहला नाम आता है। शिवाजी के पुत्र शम्भाजी मुगलों से मिल गये तो उन्होंने पुत्र के प्रति कठोर निर्णय लेकर उन्हें कैद कर दिया। शिवाजी महाराज में सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। उनके आयुध भण्डार के प्रमुख उनके विश्वासपात्र सिद्दीक थे तो नौसेना प्रमुख काजी हैदर थे। शिवाजी महिलाओं का सम्मान करते थे चाहे वह विरोधी पक्ष की क्यों न हों। उन्होंने कहा कि शिवाजी की युद्ध नीति, कूटनीति, देश के प्रति स्वाभिमान एवं सुशासन आज भी आदर्श है। श्री नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का रिश्ता काफी पुराना है। शिवाजी ने जब स्वराज की स्थापना की तो कुछ लोग उनको राजा मानने को तैयार नहीं थे। सुझाव आया कि यदि काशी के विद्धान गागा भट्ट राज्याभिषेक करायें तो शिवाजी को छत्रपति राजा माना जायेगा। शिवाजी पर राजा का स्टैम्प लगाने का काम काशी के विद्धान ने किया। भगवान राम ने अपने वनवास काल में नासिक के पंचवटी में सबसे अधिक समय व्यतीत किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी के स्मरण से ऊर्जा का संचरण होता है।
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी इच्छा जतायी कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिये लखनऊ विश्वविद्यालय में पीठ स्थापित की जाये। शिवाजी के प्रति अपना आदर व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा कि शिवाजी अपने सिद्धांतों से कभी नहीं डिगे तथा दुश्मनों को सदैव उनकी भाषा में उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि शिवाजी व देश के अन्य महापुरूषों को समझने की जरूरत है। श्री योगी ने कहा कि भारत का इतिहास ज्यादातर विदेशियों द्वारा लिखा गया है। इतिहास को विकृत करना महापाप है। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था जिस समाज को अपने इतिहास की जानकारी न हो वह अपने भूगोल की सुरक्षा नहीं कर सकता। राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है। भारत में अनेकता के बावजूद सांस्कृतिक एकता है। उन्होंने कहा कि अकादमिक संस्थायें मानसिक विकृतियों को दूर करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत का इतिहास संघर्षों का इतिहास है। शिवाजी द्वारा हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि शिवाजी से समाज में सबको साथ लेकर चलने की प्रेरणा प्राप्त होती है। कार्यक्रम को सांसद श्री भगत सिंह कोश्यारी तथा आचार्य ये0शी0 फुंशुक ने भी सम्बोधित किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस0पी0 सिंह द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया तथा कार्यक्रम के संयोजक डाॅ0 संजय शुक्ल द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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