अद्धयात्म

संगीत की नगरी में सास-बहु का मंदिर

saasbahutemple78_06_01_2016संगीत की नगरी में एक ऐसा मंदिर है जिसे सास-बहु के मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह संगीत की नगरी मध्यप्रदेश का ग्वालियर शहर है। जहां महान संगीतज्ञ तानसेन का जन्म हुआ था। बात 11वीं शताब्दी की है जब यहां कच्छवाहा वंश का राज था। उस समय ग्वालियर के राजा थे महिपाल।

राजा महिपाल की पत्नी भगवान विष्णु की भक्त थीं। रानी की इच्छा के चलते राजा महिपाल ने यह किला ग्वालियर के गोपांचल पर्वत पर बनवाया था। इस तरह समय बीतता गया। राजा महिपाल के पुत्र का विवाह हुआ। लेकिन उनकी पुत्रबहु भगवान शिव की भक्त थीं।

पुत्रवधू की भी इच्छा मंदिर बनवाने की थी तब राजा ने दोनों भगवान यानी शिव और विष्णु की मूर्तियों को संयुक्त रूप से एक ही मंदिर में स्थापित किया। और मंदिर का नाम रखा गया सहस्त्रबाहू।

समय के साथ यह मंदिर सास-बहु के नाम से प्रसिद्ध हो गया। यह मंदिर पुरातात्विक प्रमाणों के आधार पर 1903 में बनाया गया था। यह ग्वालियर के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में शुमार है।

सहत्रबाहु मंदिर तीन ओर से मंडप से घिरा हुआ है। चौथी ओर एक गर्भगृह है जो अधूरा है। यह मंदिर स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण है।

 

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