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संघ प्रचारक डॉ. नित्यानंद का निधन, हरिद्वार में होगा अंतिम संस्कार

rss-5691d82383bd8_exlstराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अंतिम सांस तक प्रचारक रहे डॉ. नित्यानंद का शुक्रवार रात 8.30 बजे देहांत हो गया।

वह 90 वर्ष के थे। रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तिलक मार्ग स्थित प्रांतीय कार्यालय में उनके (पार्थिव शरीर के) अंतिम दर्शन प्रात: आठ बजे से 11 तक हो सकेंगे। रविवार को ही हरिद्वार स्थित खड़खड़ी श्मशान घाट में दोपहर एक बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

डॉ. नित्यानंद का शुक्रवार को रात 8.30 बजे महंत श्री इंदिरेश हॉस्पिटल में निधन हो गया। आगरा में जन्मे डॉ. नित्यानंद ने संघ कार्य के लिए विवाह नहीं किया। जनसंघ के विचारक व शीर्ष नेता स्व. दीनदयाल उपाध्याय के जीवन से प्रभावित होकर वह संघ कार्य में जुट गए।

भाऊराव देवरस की प्रेरणा से वह साल 1944 में प्रचारक बन गए। डीबीएस पीजी कालेज में बीस वर्ष तक भूगोल का अध्यापन किया। यहां पर संघ कार्य के साथ-साथ उन्होंने भूगोल पर मौलिक शोध, अध्ययन व अध्यापन का कार्य किया। उनके कई लेख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में छपे।

इमरजेंसी में लंबे समय तक वह जेल में बंद रहे। मुख्य रूप से समाज के प्रति संवेदनशील होने के कारण उन्होंने उत्तराखंड के बेहद पिछड़े इलाकों में रचनात्मक सेवा कार्य किए।

बेहद गरीब छात्रों के लिए उन्होंने माक्टी (चकराता), लक्षेश्वर व मनेरी, नैटवाड़, मोरी में छात्रावास स्थापित किए। साल 1991 में उत्तरकाशी में आए भूकंप के बाद उन्होंने उत्तरांचल दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति द्वारा अंगीकृत सीमांत भटवाड़ी विकासखंड के समग्र विकास के लिए प्रयासरत रहे हैं।

संघ के महानगर कार्यवाह अनिल नंदा ने बताया कि डॉ. नित्यानंद कई वर्ष से गंभीर बीमार थे। इसके बावजूद वे हमेशा समाज विशेषकर पिछड़े व गरीब लोगों के कल्याण के बारे में सोचते थे।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अजय भट्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. नित्यानंद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें राजनीति में लाने का डॉ. नित्यानंद का बड़ा योगदान रहा।

ब्रज प्रांत के प्रचारक डॉ. हरीश, प्रदेश महामंत्री (संगठन) संजय कुमार, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल, प्रकाश पंत, ज्ञान सिंह नेगी, वीरेंद्र बिष्ट, अभिमन्यु कुमार, डॉ. अशोक सक्सेना, ऊर्बादत्त भट्ट, सौरभ थपलियाल ने भी शोक जताया है।

राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने शोक जताते हुए बयान में कहा डॉ. नित्यानंद ने उनको बचपन में ही संघ के संस्कार दिए। उनकी प्रेरणा से ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता बने।

भाजपा भाजपा मानवाधिकार संयोजक सरदार जीवन सिंह व पार्षद रानी कौर ने डॉ. नित्यानंद के निधन पर शोक जताया है। मधु लिमये शोध समिति के नागेंद्र दत्त ने डा. नित्यानंद के निधन को एक आधुनिक तपस्वी का अवसान बताया।

हिंदुत्ववादी की मौत पर बिलख पड़ा अल्ट्रा लेफ्टिस्ट
अल्ट्रा लेफ्टिस्ट और जीवनभर क्रांतिकारी जीवन जीने वाले रमेश बेरी को जैसे ही डॉ. नित्यानंद के निधन की खबर मिली तो वे बिलख पड़े। बेरी ने अमर उजाला को बताया कि डॉ. नित्यानंद और वह इमरजेंसी के दौरान देहरादून जेल में लगभग एक वर्ष जेल में बंद रहे।

जेल में बीमार रहने के बावजूद डॉ. नित्यानंद ने क्षमा नहीं मांगी। वह त्याग, शालीनता, संजीदगी, उच्च चरित्र, उदारता की जीती जागती मिसाल थे। वैचारिक मतभेदों को कभी भी व्यक्तिगत व्यवहार में आड़े नहीं आने देते थे। बेरी का कहना है कि डॉ. नित्यानंद भूगोल के गहरे जानकार होने के साथ ही आम आदमी की पीड़ा को दूर करने के लिए तत्पर रहते थे।

थोड़ा रुककर बेरी बोले, मैंने भी शादी नहीं की। डॉ. नित्यानंद भी आजीवन संघ के प्रचारक रहे। संयम, जीवन को अनुशासन में ढालना और व्यवस्थित जीवन काफी हद तक उनसे सीखा। डॉ. नित्यानंद बेहद खुले दिमाग के होने के साथ ही हमेशा नवीन बातें सीखते थे। मुझसे दस साल बड़े थे। अब ऐसे लोग कहां मिलेंगे।

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