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सऊदी अरब का कानून मंत्री ने देखी हकीकत, फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट फाइलों से फील्ड में

pwv_1446159373 (1)दस्तक टाइम्स/एजेंसी- छत्तीसगढ़:
रायपुर। शहर के तीन फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट फाइलों से बाहर आ गया है। तीनों फ्लाईओवर बनाने में कहां किस तरह की अड़चन आएगी? उन अड़चनों को किस तरह से दूर किया जा सकेगा? उसके क्या विकल्प हैं? इसकी पड़ताल शुरू हो गई है। फ्लाईओवर कहां से शुरू होकर किस जगह पर सड़क से मिलेंगे, यह भी लगभग तय कर लिया गया है।
गुरुवार को पीडब्लूडी के इंजीनियरों की टीम ने तीनों फ्लाईओवर का सर्वे किया। पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत खुद इंजीनियरों की टीम के साथ मौजूद थे। सबसे पहला सर्वे रेलवे स्टेशन से पुराने पीएचक्यू भवन तक बनने वाले फ्लाईओवर के लिए किया गया। यह फ्लाईओवर तेलघानी नाका के पुराने फ्लाईओवर के पास से शुरू होकर स्टेशन चौक से होकर फाफाडीह चौक से जेल रोड होते हुए पुराने पीएचक्यू भवन के पास सड़क पर आएगा। लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर में रोड की चौड़ाई से अड़चन पैदा हो सकती है। गुरुवार को सर्वे के दौरान देखा गया कि सड़क के किस पैच में अड़चन ज्यादा है और उसे किस तरह से दूर किया जा सकता है।
शास्त्री चौक से राजकुमार कॉलेज
शहर की लाइफ लाइन मानी जाने वाली जीई रोड पर शास्त्री चौक से राजकुमार कॉलेज के बीच फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट है। करीब ढाई किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर के सर्वे के दौरान सबसे ज्यादा अड़चन शारदा चौक और फूल चौक वाले पैच पर सामने आई। इस पैच पर रोड बेहद संकरी है। हालांकि इस पैच के चौड़ीकरण का प्रस्ताव बरसों से अटका है। सर्वे के दौरान इस पैच को लेकर इस पर भी मंथन हुआ। यह माना गया कि इस पैच के चौड़ीकरण करने के बाद ही इस अड़चन को दूर किया जा सकता है। इसके लिए यही एकमात्र विकल्प है।
आमानाका से टाटीबंध
तीसरे फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट आमानाका चौक से टाटीबंध के बीच का है। अभी आमानाका में ब्रिज है। उसी ब्रिज से जोड़ते हुए नया फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर ज्यादा अड़चन नहीं मिली। जहां आमानाका का पुरा ब्रिज समाप्त हो रहा है, वहीं से नया ब्रिज शुरू होगा।
 
सबसे पहले स्टेशन रोड वाला प्रोजेक्ट
तीनों फ्लाई ओवर में सबसे पहले तेलघानी नाका से ही ब्रिज बनाने का काम शुरू होगा। ऐसे में इस सड़क की चौड़ाई बढ़ाने पहल पहले की जाएगी। अफसरों ने बताया कि सड़क के चौड़ीकरण में आने वाले 47 प्रभावितों को तीसरी तथा अंतिम नोटिस जारी कर दी गई। यहां जो निर्माण लीज की भूमि पर हैं, शासन ने उनकी लीज निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तोड़फोड़ में किसी तरह की रुकावट से बचने के लिए अदालत में केविएट लगाया जाएगा। सड़क के दोनों ओर 47 दुकानों और मकानों को तोड़ा जाएगा। तोड़फोड़ निगम को करनी है, इसलिए जमीन से संबंधित सारे दस्तावेज मंगवा लिए गए हैं। दस्तावेजों के अनुसार कुछ लोगों के पास ऐसे पट्टे और रजिस्ट्री हैं, जिनकी जमीन या तो रेलवे की है या सरकारी घास भूमि। इन पट्टों और रजिस्ट्रियों को निरस्त करने के लिए नगर निगम ने शासन को पत्र लिखा था। इस आधार पर शासन ने इन्हें निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
 
सिंगल पिलर ब्रिज पर सहमति
शहर में बनने वाले फ्लाईओवर को सिंगल पिलर तकनीक से ही बनाया जाएगा, ताकि ब्रिज के नीचे वाली जगह का भी बेहतर ढंग से उपयोग किया जा सके। एक पिलर की दूरी 16 मीटर के आसपास होगी। अफसरों के मुताबिक देश के सघन महानगर में सिंगल पिलर पर भी फ्लाईओवर बनाए गए हैं, जो वहां काफी सफल है। इस तरह के फ्लाईओवरों का तकनीकी अध्ययन किया है। कंसल्टेंट कंपनी ने एक ताजा प्रजेंटेशन दिया, जिसमें मंत्री सहित अफसर शामिल हुए। प्रेजेेंटेशन में काॅस्ट कटिंग से लेकर जमीन के बेहतर उपयोग के बारे में बताया गया। इसके बाद यह तय किया गया है कि रायपुर के सघन इलाकों में बनाए जाने वाले फ्लाईओवर का निर्माण भी सिंगल पिलर तकनीक पर ही किया जाएगा।
 
दूसरे हिस्से का सर्वे होगा शुरू
फ्लाईओवर बनाने में सबसे ज्यादा परेशानी शास्त्री चौक से राजकुमार कॉलेज तक के हिस्से में है। फूल चौक से तात्यापारा चौक तक सड़क काफी संकरी है। यहां सड़क चौड़ीकरण के लिए जो निर्माण तोड़ा जाएगा, उसके मुआवजे की राशि भी अब तय करने पर विचार चल रहा है। पीडब्ल्यूडी ने राज्य शासन के साथ ही निगम को भी इसकी जानकारी दे दी है। सर्वे के बाद सड़क की चौड़ाई में आने वाले मकान, दुकान के साथ ही बजट की पूरी जानकारी होगी।

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