सद्भाव की मिसाल है यह मस्जिद, पैगम्बर मुहम्मद के जमाने में हुआ था निर्माण
भारत धार्मिक सद्भाव और गंगा-जमुनी तहजीब का देश है। यहां मंदिर से आरती और मस्जिद से अजान सुनाई देती है तो चर्च से प्रार्थना के वचन और गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहब की अमरवाणी गूंजती है। भारत में एक खास मस्जिद है जो अपनी प्राचीनता के साथ ही सर्वधर्म समभाव के लिए जानी जाती है। इतिहास के जानकारों के मुताबिक, यह मस्जिद पैगम्बर मुहम्मद साहब (सल्ल.) के जमाने में बनी थी और आज भी इससे लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। कहां है यह मस्जिद और क्या है इसकी कहानी? पढि़ए, अगली स्लाइड में।
यह मस्जिद केरल के त्रिशूर जिले में स्थित है। इसका नाम सबसे पुरानी मस्जिदों में शामिल है। यह चेरामन पेरुमल मस्जिद के नाम से मशहूर है। पैगम्बर साहब के जमाने में इसका निर्माण केरल के कोडुंगर इलाके में करवाया गया था। इतने वर्षों में इस मस्जिद ने कई दौर देखे, कई निर्माण प्रक्रियाओं से गुजरी, देश का उत्थान और गुलामी का समय भी देखा, लेकिन आज भी यह शान से खड़ी है। यह मस्जिद धार्मिक सद्भाव की अनूठी मिसाल है। यहां किसी भी धर्म और जाति का व्यक्ति प्रवेश कर सकता है। आगे पढि़ए, कैसे बनी यह मस्जिद..
माना जाता है कि यहां के तत्कालीन शासक ने पैगम्बर मुहम्मद साहब (सल्ल.) की शिक्षाओं से प्रेरित होकर इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। उसके बाद यह मस्जिद बनाई गई जो आज इबादत की पवित्र जगह के अलावा प्राचीन धरोहर भी है। मस्जिद की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद सईद कहते हैं कि हमें इसका संरक्षण करना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय धरोहर है। मस्जिद के निर्माण में स्थानीय स्थापत्य कला का भी प्रभाव झलकता है। क्या है इस मस्जिद की अन्य खूबियां, आगे जानिए।
यह क्षेत्र अन्य प्राचीन मस्जिदों के लिए भी प्रसिद्ध है। चूंकि केरल का प्राचीन समय से ही समुद्री मार्गों के जरिए विदेशों से व्यापार होता था। अत: अरब के अनेक कारोबारी यहां आते थे। यहां से अरब क्षेत्र का व्यापारिक संबंध बहुत पुराना है। यहां तक कि पैगम्बर साहब (सल्ल.) के जमाने से भी बहुत पुराना। यहां अन्य धर्मों के लोग भी आते हैं और इसकी प्राचीनता व सर्वधर्म समभाव की परंपरा की दिल से तारीफ करते हैं।