जीवनशैली

समाज में सम्मान के लिए मस्तिष्क में ब्रेक लगाएं!

brainन्यूयार्क (एजेंसी)। क्या ऐसे लोगों के लिए शरीर के अंदर स्वानुशासन का ऐसा कोई यंत्र है जिन्हें यह नहीं पता होता कि किसी सहयोगी से बात करते समय या सोशल मीडिया पर किसी मित्र से बात करते समय कब और कहां रुका जाए? जी हां  आपके मस्तिष्क में ऐसा यंत्र है। ह्यूस्टन स्थित युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र और सैन डियागो स्थित युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के तंत्रिका वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक एक तकनीक पेश की है  जिसके तहत मस्तिष्क की अनूठी उत्तेजन प्रणाली के जरिए स्वानुशासन को बढ़ाया जा सकता है। इस शोध के वरिष्ठ लेखक और यूटीहेल्थ मेडिकल स्कूल में द विवियन एल. स्मिथ डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोसर्जरी में एसोसिएट प्रोफेसर  नितिन टंडन ने कहा  ‘‘हमारा दैनिक जीवन मे ऐसे तमाम अवसर आते हैं  जहां किसी को भी प्रतिक्रियाओं को रोकना चाहिए। उदाहरण के लिए उस समय हर हाल में बोलना बंद कर दें  जब बात सामाजिक संदर्भ में अनुचित हो।’’यह कितना कारगर है? इस अध्ययन में भाग लेने वालों को सामान्य व्यवहारिक कार्य करने को कहा गया  जिसमें मस्तिष्क में रुकने/धीमा होने की कार्रवाई की जरूरत थी। प्रत्येक भागीदार में अनुसंधानकर्ताओं ने इस बे्रक के लिए मस्तिष्क के पूर्व अग्रिम हिस्से में खास स्थान की सबसे पहले पहचान की। उसके बाद शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के इस हिस्से में संक्षिप्त और अगोचर विद्युत आवेशों के जरिए गतिविधि बढ़ाई। इससे स्वानुशासन में वृद्धि हुई। टंडन ने कहा कि मस्तिष्क में प्रतिक्रियाओं को रोकने के लिए एक सर्किट होता है। उन्होने कहा  ‘‘हमारा मानना है कि हमने पहली बार मस्तिष्क के ठहराव प्रणाली को प्रदर्शित किया है।’’ इस शोध का निष्कर्ष न्यूरोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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