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सरकार और मलिक गुट के बीच पानीपत रिफाइनरी में बातचीत शुरू

पानीपत। हरियाणा सरकार और धरने पर बैठे मलिक गुट के बीच गुरुवार को एक बार फिर दोपहर 1.20 मिनट पर पानीपत रिफाइनरी में बातचीत शुरू हो गई। यशपाल गुट की तरफ से खुद यशपाल मलिक व प्रत्येक धरने से पांच-पांच प्रतिनिधि पहुंचे हुए हैं। वहीं सरकार की तरफ से कमेटी की अध्यक्षता शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा कर रहे हैं। जाटों ने 20 मार्च को दिल्ली में घेराव करने का कर रखा है ऐलान…
गौरतलब है कि जाटों ने आने वाली 20 मार्च को दिल्ली में घेराव करने का ऐलान कर रखा है। उसके चार दिन पहले तीसरे दौर की वार्ता होगी। इससे पहले दो दौर की बातचीत चीफ सेक्रेटरी डीएस ढेसी की अगुवाई वाली कमेटी के साथ हुई थी। नई कमेटी में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी तथा सीपीएम डॉ.. कमल गुप्ता भी शामिल हैं। नई कमेटी में पुरानी कमेटी में रहे मुख्य सचिव, गृह विभाग के एसीएस, एडीजीपी मोहम्मद अकील को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

ये हैं जाटों की मांगें
– देश भर के हिंदू, मुस्लिम, सिख, व विश्नोई जाटों को केंद्र की अो.बी.सी. लिस्ट में शामिल किया जाए।
– हरियाणा सरकार द्वारा 6 जातियों को दिए गए अारक्षण को हरियाणा हाईकोर्ट में सही पैरवी के जरिए बहाल किया जाए। इसके बाद इसे पार्लियामेंट के इसी सेशन में पास कराकर संविधान की नौवीं सूची में डाला जाए।
– जाट अारक्षण अांदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमों को वापिस लिया जाए।
– जेलों में बंद युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए। अांदोलन के दौरान घायलों को मुअावजा और जो अपंग हो गए हैं, उन्हें भी मुअावजा और सरकारी नौकरी दी जाए।
– अांदोलन के दौरान शहीदों के अाश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए।
इधर, करनाल की अदालत ने सुनाया फैसला
पिछले साल फरवरी में हुई हिंसा के दौरान कार सवार की गाड़ी तोड़ने के मामले में चार उपद्रवियों को स्थानीय अदालत ने 7-7 साल की सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एके जैन की कोर्ट ने चारों दोषियों पर 31,500-31,500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में एक साल की अतिरिक्त कैद काटनी पड़ेगी। पिछले शुक्रवार को अदालत ने करीब सालभर में ही केस निपटा दिया।
 
पीड़ित मंजूरा निवासी रामकुमार सल्याण के वकील नरेश बराना ने बताया कि उनके मवक्किल ने चार को नामजद करते हुए 30-35 उपद्रवियों के खिलाफ कार में तोड़फोड़, मोबाइल फोन और पर्स निकालने का मामला दर्ज कराया गया था। पर्स में 15-16 हजार रुपए और डीएल समेत कुछ और जरूरी कागजात थे। पुलिस सिर्फ चार आरोपियों को ही गिरफ्तार कर पाई थी। उधर, करनाल सदर थाना प्रभारी ललित ने बताया कि 23 फरवरी 2016 को रामकुमार ने शिकायत दी थी कि 21 फरवरी 2016 को वह अपने भाई बलजीत के साथ कार से रात करीब 10:30 बजे गांव से करनाल की ओर रहा था।
 
तभी चिड़ाव मोड़, कैथल रोड पर कई युवक हाथों में लाठी डंडे, गंडासी लेकर जमा थे। ये लोग पेड़ काटकर सड़क के बीचों-बीच टेंट लगाकर बैठे थे और वाहनों को रोक रहे थे। एफआईआर के मुताबिक रामकुमार के सामने ही एक बाइक सवार को युवकों ने लाठी-डंडों से पीटा, वह किसी तरह जान बचाकर भागा तो उसकी मोटरसाइकिल को आग लगा दी। उसके बाद एक बोलेरो आई, इसमें महिलाएं, बच्चे और पुरुष बैठे थे। इनके साथ भी जाट आंदोलन में शामिल लोगों ने मारपीट की और फिर गाड़ी तोड़ दी। वह परिवार भी किसी तरह बचकर निकल पाया।
 
पीड़ित ने उपद्रवियों से विनती की- तुम्हारे गांव के पड़ोसी हैं हम, फिर भी नहीं बख्शा
रामकुमार के अनुसार उपद्रवी उनकी गाड़ी के पास आए और बोनट पर लाठी-डंडे मारने लगे। उन्होंने पुलिस को फोन करना चाहा तो उनका मोबाइल छीन लिया। जेब से पर्स भी निकाल लिया और पूछा-किस जाति के हो, कौन सा गांव है। रामकुमार ने बताया कि हम मंजूरा के हैं, आपके गांव के पड़ोसी, तो उपद्रवियों ने नहीं बख्शा। गाड़ी में तोड़फोड़ करने लगे, शीशे और लाइटें भी तोड़ डाली। कार छोड़कर भाई के साथ रामकुमार वहां से भागे और जैसे-तैसे जान बचाई। इस दौरान रामकुमार ने चार आरोपियों को पहचान लिया था। इस मामले में पुलिस ने नरुखेड़ी के रहने वाले राजेश, तेजबीर, चंद्रहास और बलिंद्र को नामजद किया था।

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